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जम्मू-कश्मीर: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के नामों की लिस्ट आतंकी गुट ने वेबसाइट पर डाली, खलबली मचने के बाद हरकत में प्रशासन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 5, 2022 13:17 IST

टीआरएफ आतंकी गुट ने 60 के करीब ऐसे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के नामों और उनके उन स्थानों की सूची वेबसाइट पर डालकर धमकी दी है जहां वे नौकरी कर रहे हैं। 

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ठळक मुद्देपीएम पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरी कर रहे इन कर्मचारियों में खलबली मची हुई हैउनका मानना है कि उन्हें प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और आश्वासनों पर कतई विश्वास नहीं हैताजा खतरे ने कर्मचारियों में दहशत पैदा कर दी है और उन्होंने अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी है

जम्मू: कश्मीर में पीएम पैकेज के तहत नौकरी कर रहे बचे खुचे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों के मामले में एक नया बवाल खड़ा हो गया है। ताजा आतंकी धमकी के बाद वे कश्मीर में टिकना नहीं चाहते और प्रशासन उन्हें रोकने की कोशिश में जुट गया है। दरअसल टीआरएफ आतंकी गुट ने 60 के करीब ऐसे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के नामों और उनके उन स्थानों की सूची वेबसाइट पर डालकर धमकी दी है जहां वे नौकरी कर रहे हैं। 

इसके उपरांत पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरी कर रहे इन कर्मचारियों में खलबली मची हुई है क्योंकि उनका मानना है कि उन्हें प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और आश्वासनों पर कतई विश्वास नहीं है। दरअसल पहले से ही प्रवासी कश्मीरी पंडित ऑल माइग्रेंट्स एम्प्लॉइज एसोसिएशन, कश्मीर के बैनर तले जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और सुरक्षा कारणों से कश्मीर से जम्मू में अपने स्थानांतरण की मांग कर रहे थे। 

ताजा खतरे ने उनमें दहशत पैदा कर दी है और उन्होंने अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी है। उनमें खतरे की भावना इसलिए पैदा हुई है क्योंकि आतंकवादी समूह ने इन पीएम पैकेज के कर्मचारियों की एक सूची जारी की है जिसमें उन्हें प्रवासी कश्मीरी पंडित और अन्य को गैर-स्थानीय बताया है जबकि नौकरियों और फ्लैटों का हवाला देते हुए स्थानों की संख्या का खुलासा किया है। साथ ही उन्हें कश्मीर छोड़ देने की धमकी भी दी है।

पहले ही 12 मई को कश्मीर में लक्षित हत्याओं के मद्देनजर जम्मू स्थित आरक्षित श्रेणी के अनुसूचित जाति के कर्मचारी भी अपने समकक्ष कश्मीरी पंडितों की तरह लौट आए और विरोध प्रदर्शन किया। वे कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में सुधार होने तक जम्मू में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर भी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

जम्मू में पीएम पैकेज कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि जब राहुल भट की हत्या हुई थी, तब सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है। यह सरकार और सुरक्षा बलों पर निर्भर है कि वे कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और साथ ही खतरे के पीछे लोगों का पर्दाफाश करने के लिए जांच करें।

टॅग्स :कश्मीरी पंडितजम्मू कश्मीर
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