जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल के सलाहकार बोले, कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी सभी पक्षों के सहयोग से ही मुमकिन
By भाषा | Updated: August 16, 2019 12:34 IST2019-08-16T12:34:54+5:302019-08-16T12:34:54+5:30
कश्मीर में शुक्रवार को लगातार 12वें दिन बंद रहा। हालांकि अधिकारियों ने श्रीनगर में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में ढील दे दी।

जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल के सलाहकार बोले, कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी सभी पक्षों के सहयोग से ही मुमकिन
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में पूरी तरह वापसी सभी पक्षों के सहयोग तथा समर्थन से ही मुमकिन है।
खान ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘कश्मीरी विस्थापितों की घाटी में पूरी तरह वापसी तभी संभव है जब कश्मीरी प्रवासियों से सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव साझा करने वाले, कश्मीर के समाज समेत सभी पक्ष सहयोग तथा समर्थन करें।’’
उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।
खान ने कहा कि शरणार्थियों के लिए 3,000 पदों पर भर्ती और घाटी में काम कर रहे शरणार्थी कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
यह बयान जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद घाटी में तीन लाख से अधिक विस्थापित पंडितों के लौटने की उम्मीदों के मद्देनजर आया है।
कश्मीर लगातार 12वें दिन बंद
कश्मीर में शुक्रवार को लगातार 12वें दिन बंद रहा। हालांकि अधिकारियों ने श्रीनगर में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में ढील दे दी।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा, ‘‘घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में ढील दी गई। अभी तक स्थिति शांतिपूर्ण है।’’
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों की तैनाती पहले की तरह ही है। लोगों को शहर के आसपास और अन्य शहरों में आवाजाही की अनुमति दी गई है।
पांच अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने की घोषणा करने से पांच घंटे पहले, कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
राज्य प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को रेडियो पर उद्घोषणा के जरिए शुक्रवार को काम पर आने के निर्देश दिए।
हालांकि, संचार सेवाओं पर लगी पाबंदियां जारी हैं। सभी टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। पिछले दो सप्ताहों से स्कूल बंद हैं । दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी पांच अगस्त से बंद हैं। अधिकारी ने बताया कि घाटी में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और सुरक्षाबलों को हटाना जमीनी हालात पर निर्भर करेगा।