Jammu And Kashmir Flash Floods: श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है पर अभी तक इस प्रश्न का जवाब कहीं से नहीं मिल पाया है कि जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ वहां तीन दिन से ऐसे हादसे हो रहे थे और बावजूद इसके यात्रा को स्थगित क्यों नहीं किया गया था। पिछले 24 घ्ंाटों में प्रदेश में बारिश, भूस्खलन और बादलों के फटने के कारण कुल 46 लोगों की मौत हुई है। इसके अतिरिक्त, जम्मू के चिनेनी नाला में एक कार गिरने से तीन श्रद्धालु बह गए। लापता तीन में से दो श्रद्धालु राजस्थान के धौलपुर और एक आगरा का रहने वाला है।
डोडा में बादल फटने से 10 लोगों के मरने की सूचना है प्रशासन द्वारा चार मौतों की पुष्टि की जा चुकी है और 6 लापता बताए जा रहे हैं। वैष्णो देवी में लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर बुधवार को 33 हो गया। हादसा मंगलवार को दोपहर 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।
कल देर रात तक 7 लोगों के मरने की खबर थी, लेकिन सुबह आंकड़ा बढ़ गया। बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ और मलबा में दबने से ज्यादा नुकसान। एक चश्मदीद ने बताया- बड़े-बड़े पत्थर अचानक गिरने लगे और सब तबाह हो गया। प्रशासन का कहना है कि 23 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। कई लापता हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
फिलहाल, इस इलाके में भारी बारिश की वजह से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। ईश्वर करे कि घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हों। प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है। मैं सभी की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं।एक श्रद्धालु ने पत्रकारों को बताया कि मैं और मेरा पूरा परिवार साथ जा रहे थे। मेरे बच्चे और पत्नी आगे निकल गए। फिर बहुत जोर से चट्टान गिरी। हमें कुछ समझ नहीं आया।
अब मेरा बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा है। हम डरे हुए हैं। पल भर में हमारा सब कुछ बिखर गया। एक और श्रद्धालु का कहना था कि मैं पीछे था। मेरे साथ आए 6 लोग मेरे आगे थे। आगे करीब 100 से ज्यादा लोग और भी थे। मैं अभी भी कांप रहा हूं। मेरे साथ आए लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चला।
एक और महिला ने बताया कि हम माता रानी के दरबार में जा रहे थे। हमें कुछ समझ नहीं आया। मैं और मेरे पति तो बच गए पर मेरे तीनों बच्चे दब गए। सब कुछ तुरंत हो गया। पंजाब के मोहाली की रहने वाली किरण ने बताया कि मैं दर्शन करके पहाड़ से नीचे आ रही थी, तभी अचानक लोग चिल्लाने लगे। मैंने पत्थर गिरते हुए देखे। मैं किसी तरह सुरक्षित जगह की ओर भागी, लेकिन घायल हो गई।
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि तीर्थयात्रा को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं से मौजूदा खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा योजनाओं को पुनः निर्धारित करने की अपील की है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भूस्खलन में हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी भी दी। उपराज्यपाल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने और घायलों को सर्वाेत्तम संभव चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
जम्मू में 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज; सभी रिकार्ड बड़े अंतर से टूटे
मात्र 24 घंटे में बारिश ने जम्मू कश्मीर में इतनी तबाही मचाई है कि बारिश का एक नया रिकार्ड बन गया है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे से न ही बिजली है न ही पानी और न ही मोबाइल और इंटरनेट नेटवर्क। सड़कें टूट चुकी हैं, अधिकतर ट्रेनें आज भी रद्द है। कश्मीर में भी सभी दरिया, नदी और नालों के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि केवल 24 घंटों में, जम्मू में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 1910 में, जब वेधशाला की स्थापना हुई थी, उसके बाद से यह जम्मू में 24 घंटों में दर्ज की गई अब तक की सबसे अधिक बारिश है। पिछला रिकार्ड 25 सितंबर 1988 को 270.4 मिमी बारिश का था। इसने 23 अगस्त 1996 को दर्ज 218.4 मिमी बारिश का रिकार्ड भी तोड़ दिया है।
तुलना के लिए, यह आंकड़ा 403.1 मिमी के करीब है - जो अगस्त में जम्मू का मासिक औसत है। अधिकारियों के अनुसार, जम्मू संभाग के जिलों, जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी और पुंछ में अगले दो दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
पिछले 24 घंटों में इन जिलों में लगातार बारिश ने तवी, चिनाब, उज, रावी और बसंतर जैसी नदियों को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है। पानी के तेज बहाव ने दर्जनों पुलों और सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। कश्मीर घाटी भी भारी बारिश से अछूती नहीं रही। मंगलवार की रात से मूसलाधार बारिश के बाद झेलम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है।
अनंतनाग जिले के संगम में नदी ने 21 फुट के बाढ़ चेतावनी निशान को पार कर लिया। श्रीनगर के राम मुंशी बाग क्षेत्र में भी झेलम का स्तर 18 फुट के निशान से मात्र दो फुट नीचे दर्ज किया गया। यह स्थिति प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इस बीच दूरसंचार आपरेटरों ने पुष्टि की है कि बहाली का काम चल रहा है, और मौसम की स्थिति के आधार पर देर शाम या कल तक सेवाएं सामान्य होने की उम्मीद है। निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे सेवाएं पूरी तरह से बहाल होने तक धैर्य रखें।
जम्मू के बाढ़ग्रस्त इलाकों से 5000 से अधिक लोगों को बचाया गया
जम्मू क्षेत्र में विभिन्न बाढ़ग्रस्त नदियों के किनारों और जलमग्न निचले इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि बचाव एजेंसियां और प्रशासन बाढ़ प्रभावित जम्मू व सांबा जिलों में फंसे लोगों तक पहुंचने के प्रयास में जुटा है। भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जलमग्न हुए जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों में बारिश जारी है, हालांकि इसकी तीव्रता अब कम है।
बुरी तरह प्रभावित हुई जलापूर्ति, बिजली और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया है। जम्मू में पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 में वेधशाला की स्थापना के बाद से 24 घंटे की अवधि में जम्मू में दर्ज की गई सबसे अधिक वर्षा है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 5,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, संभागीय आयुक्त कार्यालय के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं।”