जम्मू-कश्मीर: आतंकियों के निशाने पर एक बार फिर आम नागरिक, इस साल 27 लोगों की ले चुके हैं जान

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 9, 2021 01:02 PM2021-11-09T13:02:10+5:302021-11-09T13:02:10+5:30

जम्मू-कश्मीर में एक साल में कुल 33 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली है।

Jammu and Kashmir: Common citizens again on target of terrorists, have killed 27 people this year | जम्मू-कश्मीर: आतंकियों के निशाने पर एक बार फिर आम नागरिक, इस साल 27 लोगों की ले चुके हैं जान

आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं आतंकी, सुरक्षाबल हालात से निपटने में जुटे हैं (फाइल फोटो)

Highlightsआतंकियों ने सोमवार शाम को एक सेल्समैन की हत्या कर दी, 24 घंटे में दूसरी बार आम नागरिक को निशाना बनाया गया।एक साल के अंदर कश्मीर में कुल 33 नागरिक मारे गए हैं, इसमें 27 को आतंकियों ने मारा है।जम्मू कश्मीर में अक्टूबर का महीना इस साल का सबसे कातिल महीना साबित हुआ है।

जम्मू: कश्मीर में आतंकी लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रह हैं। आतंकियों ने सोमवार शाम को एक सेल्समैन की हत्या कर दी। पिछले 24 घंटे में आतंकियों ने घाटी में दूसरी बार आम नागरिक को निशाना बनाया है। जिस व्यक्ति पर आतंकी ने गोली चलाई है उसका नाम मोहम्मद इब्राहिम खान है। 

इब्राहिम बांदीपोर के रहने वाले थे और रोशन लाल मावा की दुकान पर काम करते थे। यह दुकान कश्मीरी पंडित की है। रोशन लाल ने 2018 में यह बिजनेस शुरू किया था।

एक साल के अंदर कश्मीर में कुल 33 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली है। इनमें श्रीनगर में 12, पुलवामा में 4, अनंतनाग में 4, कुलगाम में 3, बारामुल्ला में 2, बडगाम में एक और बांडीपोरा में एक की हत्या की है। 

सोमवार को अपनी जान गंवाने वाले इब्राहिम अष्टंगी बांडीपोरा में रहते थे। वे एक कश्मीरी पंडित डा संदीप मावा की दुकान में सेल्समैन थे। डा संदीप मावा उन माखनलाल बिंद्रू के रिश्तेदार हैं, जिनकी 5 अक्टूबर को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिंद्रू को उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर गोली मारी गई थी।

आतंकियों की तलाश में जुटे हैं सुरक्षाबल

श्रीनगर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि बांदीपोरा के रहने वाले मोहम्मद इब्राहिम खान पर आतंकियों ने गोली चलाई। इब्राहिम को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। हमलावर आतंकियों की धरपकड़ की कोशिश जारी है। इससे पहले रविवार की रात में भी पुलिस कांस्टेबल तौसीफ अहम वानी की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

जम्मू कश्मीर में अक्टूबर का महीना इस साल का सबसे कातिल महीना साबित हुआ है। एक ही महीने में आतंकी मुठभेड़ों में कुल 44 मौतें हुई हैं। आतंकियों ने दुस्साहस करते हुए अक्टूबर में 12 सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया। इसके अलावा 13 आम नागरिकों की जान भी आतंकियों ने ली है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने 19 आतंकियों को एकाउंटर में ढेर भी किया है।

कल की हत्या 1 अक्तूबर के बाद से कश्मीर में यह 13वीं हत्या है। आतंकियों ने पांच बाहरी मजदूरों को भी मौत के घाट उतारा है। पिछले कुछ दिनों में कई बार इस तरह की घटनाए सामने आ चुकी हैं। इन हत्या में शामिल आतंकियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की लगातार मुठभेड़ हो रही है। 

कश्मीर में जिस तरह से आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है उससे लोगों में डर का माहौल है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह घाटी पहुंचे थे इस दौरान उन्होंने आम नागरिकों पर हमले को लेकर चर्चा की थी। चार घंटे तक चली बैठक के दौरान अमित शाह ने तमाम जांच एजेंसियों और सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिए थे कि वह आतंकियों को घाटी से खत्म करने की पूरी कोशिश करें।

Web Title: Jammu and Kashmir: Common citizens again on target of terrorists, have killed 27 people this year

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