जम्मू-कश्मीरः केंद्र सरकार ने बदला कानून, कोई भी खरीद सकता है जमीन, राजनीतिक दलों ने कहा मंजूर नहीं
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 27, 2020 21:12 IST2020-10-27T21:12:58+5:302020-10-27T21:12:58+5:30
नेशनल कांफ्रेंस और अपनी पार्टी ने इस अध्यादेश के विरुद्ध आवाज बुलंद की है। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद बिक्री के संबंध में मंगलवार को महत्वपूर्ण सूचना जारी की है।

मोदी सरकार की नई अधिसूचना के मुताबिक अब बाहर के लोग भी यहां जमीन खरीद सकते हैं। (file photo)
जन्मूः केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जमीन की खरीद के लिए कानून में बदलाव कर अब सभी भारतीयों के लिए खरीद के रास्ते खोल दिए हैं। पर यह प्रदेश के राजनीकि दलों को गंवारा नहीं है।
वे इसके विरोध में उतर आए हैं। फिलहाल नेशनल कांफ्रेंस और अपनी पार्टी ने इस अध्यादेश के विरुद्ध आवाज बुलंद की है। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद बिक्री के संबंध में मंगलवार को महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक अब केंद्र शासित प्रदेश में कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहां बस सकता है। हालांकि, अभी खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी।
गृह मंत्रालय ने ये फैसला जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत लिया है। इसके तहत अब कोई भी भारतीय जम्मू कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद सकता है। इसके लिए उसे किसी भी तरह के स्थानीय निवासी होने का सबूत देने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकते थे। मोदी सरकार की नई अधिसूचना के मुताबिक अब बाहर के लोग भी यहां जमीन खरीद सकते हैं।
प्रदेश में इस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया है। इस अध्यादेश के प्रति पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई है। भाजपा समर्थक समझी जाने वाली अपनी पार्टी में भी विरोध के स्वर नजर आने लगे हैं। उमर अब्दुल्ला केंद्र सरकार के इस फैसले से एक बार फिर भड़क उठे हैं।
उन्होंने ट्वीट कर इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया कि जम्मू कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो अस्वीकार्य हैं। अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना होगा। अब जम्मू कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
कई राजनीतिक दलों से एकत्र किए गए नेताओं से बनी हुई अपनी पार्टी भी इसके विरोध में नजर आ रही है। अभी तक अपनी पार्टी को भाजपा का समर्थक माना जाता था। अपनी पार्टी के अध्यक्ष सईद मुहम्मद अल्ताफ बुखारी ने कहा है कि वे नौकरियों के साथ साथ जमीन पर भी डोमिसाइल हक चाहते हैं। उनका कहना था कि वे इसका विरोध करते हुए लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
इससे पहले जब केंद्र सरकार ने नौकरियों के लिए सभी भारतीयों को बिना डोमिसाइल आवेदन करने की छूट दी थी तो भी प्रदेश में जबरदस्त बवाल खड़ा हो गया था और अंततः केंद्र सरकार को नौकरियों के लिए डोमिसाइल की शर्त लागू करनी पड़ी थी।
और अब जबकि जमीन की खरीद के लिए डोमिसाइल की शर्त को हटा दिया गया है, विरोध नजर आने लगा है। फिलहाल अन्य राजनीतिक दल, भाजपा को छोड़ कर, नए आदेश को समझने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वे जल्द ही इसके प्रति प्रतिक्रियां देंगें और जो जम्मू कश्मीर की जनता के हक में होगा उसका समर्थन करेंगें। इतना जरूर था कि कश्मीर आधारित सभी राजनीतिक दलों ने इस अध्यादेश का विरोध करना शुरू किया है।