कश्मीर: 10 महीने में नौ बीजेपी नेताओं समेत 42 लोगों की आतंकवादियों ने की हत्या, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बना रहे हैं निशाना

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 3, 2020 13:24 IST2020-11-03T13:20:18+5:302020-11-03T13:24:48+5:30

बडगाम में आतंकियों ने सितंबर में ब्लाक विकास परिषद के चेयरमैन स भूपेंद्र सिंह को दलवाछ में उनके घर के बाहर कत्ल किया। अनंतनाग में कांग्रेस से जुड़े सरपंच अजय पंडिता को उनके घर के बाहर आतंकियों ने कत्ल किया।

Jammu and Kashmir 10 months terrorists killed 42 people including nine BJP leaders political activists | कश्मीर: 10 महीने में नौ बीजेपी नेताओं समेत 42 लोगों की आतंकवादियों ने की हत्या, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बना रहे हैं निशाना

सरकारी आंकड़ों के बकौल, इन 32 सालों में 1200 से अधिक नेता मौत के घाट उतारे जा चुके हैं और आज भी वे सर्वप्रथम निशाने पर हैं।

Highlightsखास बात यह थी कि इन सभी की मौतों की जिम्मेदारी टीआरएफ नामक नए उभरे आतंकी गुट ने ली थी।अधिकारियों का कहना था कि यह लश्करे तौयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन तथा जैश ए मुहम्मद का ही गठजोड़ है। घुसपैठ न होने के कारण पाकिस्तान के इशारों पर सभी आतंकी गुट एकजुट होकर अब हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

जम्मूः कश्मीर में अशांति फैलाने और लोगों में डर पैदा करने को आतंकी अब नेताओं व राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं। पिछले 10 महीनों में कश्मीर में मारे गए 42 लोगों में 15 किसी न किसी तरह से राजनीतिक दलों से जुड़े हुए थे।

यही नहीं, चौंकाने वाला तथ्य यह है कि आतंकियों का निशाना अब खासतौर पर भाजपा से जुड़े लोग हैं। यह इसी से स्पष्ट होता था कि इस साल 10 महीनों के भीतर उन्होंने जिन 15 नेताओं की हत्या की उनमें से 9 का संबंध भाजपा से ही था। आतंकियों द्वारा कत्ल किए गए भाजपा नेताओं में बांडीपोरा निवासी वसीम बारी, उनके भाई उमर शेख और पिता बशीर शेख के अलावा ओमपोरा बडग़ाम के अब्दुल हमीद नजार भी शामिल हैं। वह भाजपा के ओबीसी सेल के प्रदान थे।

फिदा हुसैन अपने दो अन्य साथियों उमर रमजान व हारुन रशीद संग गत सप्ताह मारे गए

कुलगाम में भाजपा के युवा मोर्चा महासचिव फिदा हुसैन अपने दो अन्य साथियों उमर रमजान व हारुन रशीद संग गत सप्ताह मारे गए हैं। भाजपा से जुड़े खनमोह के पंच निसार अहमद उर्फ कोबरा को आतंकियों ने अगवा करने के बाद दानगाम शोपियां में कत्ल किया जबकि कुलगाम में एक सरपंच सज्जाद खांडे को आतंकियों ने उनके घर के बाहर ही मौत के घाट उतारा। बडगाम में आतंकियों ने सितंबर में ब्लाक विकास परिषद के चेयरमैन स भूपेंद्र सिंह को दलवाछ में उनके घर के बाहर कत्ल किया। अनंतनाग में कांग्रेस से जुड़े सरपंच अजय पंडिता को उनके घर के बाहर आतंकियों ने कत्ल किया।

इस साल इन राजनीतिक हत्याओं की खास बात यह थी कि इन सभी की मौतों की जिम्मेदारी टीआरएफ नामक नए उभरे आतंकी गुट ने ली थी जिसके प्रति अधिकारियों का कहना था कि यह लश्करे तौयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन तथा जैश ए मुहम्मद का ही गठजोड़ है।

दरअसल आतंकी गुटों में भर्ती कम होने तथा उस पार से घुसपैठ न होने के कारण पाकिस्तान के इशारों पर सभी आतंकी गुट एकजुट होकर अब हमलों को अंजाम दे रहे हैं। वैसे कश्मीर में राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले कोई नई बात नहीं हैं। जबसे कश्मीर में आतंकवाद फैला है, आतंकी दहशत और अशांति फैलाने की खातिर कई बार मंत्रियों, विधायकों आदि की हत्याएं कर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के बकौल, इन 32 सालों में 1200 से अधिक नेता मौत के घाट उतारे जा चुके हैं और आज भी वे सर्वप्रथम निशाने पर हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir 10 months terrorists killed 42 people including nine BJP leaders political activists

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