केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने मंगलवार को कहा कि हो सकता है “प्रायोजकों” द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिये उकसाया गया हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भारतीय नागरिक इस कानून से प्रभावित नहीं होगा।
विश्वविद्यालय रविवार को तब जंग का मैदान बन गया था जब पुलिस परिसर में दाखिल हुई और उसने बल प्रयोग किया। इससे पहले छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री सिंह ने कहा, “इस संशोधित कानून से क्या किसी भारतीय नागरिक को नुकसान होगा?...मैं जामिया मिल्लिया के हर छात्र से पूछना चाहूंगा कि इस (कानून) से कैसे आपकी नागरिकता खतरे में आएगी? क्या आप शरणार्थी हैं जो धार्मिक प्रताड़ना के बाद भारत आए हैं? ”
उन्होंने कहा, “मुझे पक्का विश्वास है कि इसमें जो नजर आ रहा है उससे कहीं ज्यादा कुछ है। और इसके पीछे, प्रायोजक होंगे। वहां कोई होगा जो इसे भड़का रहा है। हमारे देश में, गलतफहमी तेजी से फैलती है। पहले हम अखबार देखते थे और कहते थे कि अगर यह अखबार में छपा है तो सच होगा। अब हम वाट्सऐप देखते हैं और कहते हैं कि यह सच होगा।”
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, “हमें तार्किक होने की जरूरत है...पहले हम यह समझें कि वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आपको कैसे प्रभावित कर रहा है? यह मुझे प्रभावित नहीं कर रहा...किसी भी भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं कर रहा।” सिंह यहां फिक्की और इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘कुशल सीमा प्रबंधन 2019’ सम्मेलन से इतर बात कर रहे थे।