जामिया के पूर्व छात्र ने सीएए के विरोध पर कॉफी टेबल बुक निकाली

By भाषा | Updated: December 18, 2021 19:30 IST2021-12-18T19:30:37+5:302021-12-18T19:30:37+5:30

Jamia alumnus took out coffee table book on CAA protest | जामिया के पूर्व छात्र ने सीएए के विरोध पर कॉफी टेबल बुक निकाली

जामिया के पूर्व छात्र ने सीएए के विरोध पर कॉफी टेबल बुक निकाली

(सलोनी भाटिया)

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक पूर्व छात्र ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई घटनाओं को चित्रित करने वाली एक कॉफी टेबल बुक तैयार की है।

पुस्तक को अपने गुरु और पुलित्जर पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दीकी को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि यह मारे गए फोटो पत्रकार के दिमाग की उपज थी।

मोहम्मद मेहरबान और आसिफ मुज्तबा की 'हम देखेंगे' शीर्षक वाली फोटोबुक में 12 दिसंबर, 2019 से 22 मार्च, 2020 तक की घटनाओं की तस्वीरें शामिल हैं।

मेहरबान ने पिछले साल जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक किया था, जबकि मुज्तबा शाहीन बाग धरना प्रदर्शन से जुड़े थे।

मेहरबान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इसमें न केवल दिल्ली में घटी घटनाओं की तस्वीरें हैं, बल्कि उन महीनों के दौरान उत्तर प्रदेश, मुंबई और अन्य जगहों की घटनाएं शामिल हैं। हम चाहते हैं कि लोग जानें कि क्या हुआ।’’

पुस्तक में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर विरोध प्रदर्शन, परिसर में पुलिस कार्रवाई, शाहीन बाग विरोध और दिल्ली दंगों की तस्वीरें हैं।

मेहरबान ने कहा, ‘‘दिल्ली दंगों की कुछ तस्वीरें पहले प्रकाशित नहीं हुई हैं। हमने उन्हें 28 फोटोग्राफरों से लिया और उनमें से लगभग 10,000 में से 223 तस्वीरों का चयन किया।’’

जामिया मिल्लिया इस्लामिया 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस के परिसर में घुसने और पुस्तकालय में छात्रों पर कथित रूप से हमला करने के बाद सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बन गया था।

पुलिस ने कहा था कि उन्होंने विश्वविद्यालय से कुछ मीटर की दूरी पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल बाहरी लोगों की तलाश के लिए परिसर में प्रवेश किया था।

कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने के दौरान मारे गए सिद्दीकी को किताब के लिए श्रेय देते हुए, मेहरबान ने कहा, ‘‘वह मेरे गुरु थे। मैं उनसे 15 दिसंबर को परिसर में पुलिस कार्रवाई के बाद मिला था। वह एक असाइनमेंट से घर वापस आये थे। उन्होंने मुझे ये तस्वीरें लेने के लिए कहा था, क्योंकि ये इतिहास का हिस्सा होंगी। वास्तव में, उन्होंने रॉयटर्स से तस्वीरें हासिल कीं और वे पुस्तक का हिस्सा हैं। पुस्तक में उनकी तस्वीरें भी हैं।’’

अपने गुरु को याद करते हुए, मेहरबान ने कहा, ‘‘दानिश भाई किताब देखना चाहते थे, लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मैं अंतिम मसौदा दिखाऊंगा। जुलाई में, उनकी हत्या कर दी गई थी। अगस्त में किताब को अंतिम रूप दिया गया था। एकमात्र अफसोस यह है कि वह किताब नहीं देख सके। मैं उन्हें बकरीद पर किताब दिखा देता।’’

मेहरबान के मुताबिक, 112 पन्नों की किताब के पहले पेज में सिद्दीकी का जिक्र है और इसमें वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण की प्रस्तावना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Jamia alumnus took out coffee table book on CAA protest

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे