Jaipur Literature Festival 2020: महोत्सव में पहुंचे CM गहलोत ने कहा-यहां 'मन की बात' के साथ ही 'काम की बात' करते हैं विचारक
By भाषा | Published: January 23, 2020 04:20 PM2020-01-23T16:20:22+5:302020-01-23T16:20:22+5:30
68 वर्षीय कांग्रेस नेता ने परोक्ष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘जेएलएफ राजस्थान का गौरव है, इसने दुनिया में अपनी एक जगह बनायी है। सभी के मन में इसके प्रति सम्मान है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) ऐसा स्थान है जहां दुनिया भर से आये विचारक आते हैं और ‘‘मन की बात’’ के साथ ही ‘‘काम की बात’’ करते हैं। गहलोत ने यह बात यहां वार्षिक साहित्य कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर कही।
68 वर्षीय कांग्रेस नेता ने परोक्ष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘जेएलएफ राजस्थान का गौरव है, इसने दुनिया में अपनी एक जगह बनायी है। सभी के मन में इसके प्रति सम्मान है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह महोत्सव नयी पीढ़ी को प्रेरित करेगा। इसके बारे में पूरी दुनिया में बातें होती हैं। सभी साहित्यिक व्यक्ति इस महोत्व के बारे में चर्चा करते हैं, जेएलएफ में वे महसूस करते हैं कि उन्हें अपनी ‘मन की बात’ के साथ ही ‘काम की बात’ करने का मौका मिलेगा।’’ इस महोत्सव का यह 13वां संस्करण है।
गहलोत ने इस महोत्सव को ‘‘राजस्थान का गौरव’’ और ‘‘साहित्य का महाकुंभ’’ बताया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विजयदान देथा को श्रद्धांजलि अर्पित की और दिवंगत साहित्यकार की कृति का अंग्रेजी अनुवाद ...बिज्जी: टाइमलेस टेल्स फ्राम मारवाड़..का विमोचन किया। उद्घाटन सत्र में महोत्वस के सह निदेशक एवं लेखक विलियम डेलरिम्पल ने कहा कि जेएलएफ अब औपचारिक रूप से विश्व का ‘‘सबसे बड़ा साहित्यिक महोत्सव’’ बन जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले वर्ष करीब पांच लाख लोग कार्यक्रम में आये थे। ऐसे समय में जब लोग कहते हैं कि साहित्य के लिए प्रेम समाप्त हो रहा है, हम इसके सबूत हैं कि ऐसा नहीं है। साहित्य सजीव है और जेएलएफ में भीड़ इसका सबूत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने अन्य को भी प्रेरित किया है, 300 से अधिक महोत्सव जेएलएफ के चलते असाधारण तरीके से सफल हुए हैं। जेएलएफ की असाधारण लोकप्रियता भारत की समृद्ध मौखिक प्ररंपरा के चलते भी है।’’
महोत्सव के प्रोड्यूसर संजय रॉय ने कहा कि साहित्य ही एकमात्र ऐसी चीज है जो ‘‘नफरत के विमर्श को फैलने’’ से रोक सकती है जिसका सामना आज देश कर रहा है। महोत्सव के आयोजक ‘टीमवर्क्स आर्ट्स’ के प्रबंध निदेशक ने कहा, ‘‘गांधी के देश में हम एक ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जिसे नफरत का विमर्श का प्रसार देख रहे हैं। साहित्य एक ऐसी चीज है जो उसके खिलाफ खड़ा हो सकती है और कला भी।’’ उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे अपनी आवाज उठायें, क्योंकि समय अब चुप रहने का नहीं है।
जेएलएफ के नवीनतम संस्करण में दुनिया भर से 250 से अधिक लेखक, विद्वान, अभिनेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, उद्योगपति और खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। महोत्सव में 15 भारतीय और 35 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के वक्ता भी हिस्सा लेंगे। ये सभी विभिन्न विषयों पर चर्चा में शामिल होंगे जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता, पर्यावरण, कला, संस्कृति, इतिहास, सिनेमा और संगीत से संबंधित होंगे।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त अभिजीत बनर्जी, बुकर पुरस्कार प्राप्त हॉवर्ड जैकबसन, पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त लेखकों स्टीफन ग्रीनब्लाट, डेक्सटर फिलकिंस और पॉल मुलडून, बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार प्राप्त जोक अलहरथी, उपन्यासकार एलिजाबेथ गिलबर्ट, रोशन अली और मनोरंजन ब्यापारी जेएलएफ में प्रमुख वक्ताओं में शामिल होंगे। साहित्य महोत्सव का समापन 27 जनवरी को होगा।