जहांगीरपुरी हिंसा: भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी ने वीडियो शेयर करके कहा, 'देख लें मस्जिद पर झण्डा नहीं फहरा रहे थे, हमलावर पीछे से आए'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 20, 2022 03:15 PM2022-04-20T15:15:10+5:302022-04-20T15:28:10+5:30
दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करके कहा है कि हनुमान जुलूस में शामिल हुए लोग मस्जिद पर झण्डा नहीं फहरा रहे थे और उनपर हमला करने वाले लोग पीछे से आये थे।
दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गये जुलूस में जहांगीरपुरी इलाके में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प के कारण स्थिति आज भी बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।
पुलिस-प्रशासन ने हालात की नजाकत को समझते हुए फौरन मामले पर काबू पा लिया लेकिन इस हिंसक घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें दोनों समुदायों के लोग अपने-अपने पक्ष में तर्क पेश कर रहे हैं।
शनिवार के दिन जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करती हुई भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता प्रीति गांधी लिखती हैं, "हनुमान शोभा यात्रा पर पीछे से हमला हुआ और सबूत के तौर पर यह वीडियो पेश है। मस्जिद पर झंडा फहराने की कोई कोशिश नहीं की गई। हमलावरों ने यात्रा में भाग लेने वालों पर पीठ पीछे प्रहार किया, जिससे वो पूरी तरह से अनजान थे।"
Sharing video evidence of the Hanuman Shobha Yatra being attacked from behind.
— Priti Gandhi - प्रीति गांधी (@MrsGandhi) April 20, 2022
No attempt was made to hoist any flag on the mosque.
Those participating in the yatra were totally unaware of the attackers striking from behind their backs.#DelhiRiots#Jahangirpuripic.twitter.com/vTrRyYeLkC
लोकमत समाचार ट्विटर पर साझा किये गये भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी के वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता है।
मालूम हो कि बीते 16 अप्रैल को दिल्ली सहित देश के अन्य कई राज्यों में हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस निकाला गया था। दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शोभायात्रा निकाली थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।
कथिततौर पर आरोप है कि जुलूस जैसे ही जहांगीरपुर के सी ब्लॉक स्थित एक मस्जिद के पास पहुंची। वहीं पर दो समुदायों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पथराव करने लगे।
मौके पर साथ चल रही दिल्ली पुलिस की टुकड़ी ने हालात को संभालने की कोशिश की लेकिन तब तक दोनों पक्षों के लोग लाठी-डंडे और हथियारों के साथ लड़ाई करने लगे।
इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और पूरे घटनाक्रम में करीब 8 पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग चोटिल हो गये। मामले में एक्शन लेते हुए दिल्ली पुलिस ने दोनों समुदाय की ओर से अब तक कुल 24 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें से दो नाबालिग भी शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने मामले की तहकीकात का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा है। दिल्ली पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि मामले के दोषियों को सजा मिले, इसके लिए दिल्ली पुलिस भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की जांच कर रही है।
इस बीच दिल्ली नगर निगम का एक अतिक्रमण दस्ता जहांगीरपुरी के उन इलाकों में पहुंचा, जहां हनुमान जयंती के दौरान हिंसक टकराव हुआ था। अतिक्रमण दस्ते के साथ बुलडोजर भी थे और उन्होंने अतिक्रमण का हवादा देते हुए वहां बने हुए अवैध निर्णाण को गिराना शुरू कर दिया।
इस बीच एमसीडी के इस एक्शन को अनुचित बताते हुए कुछ लोग दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चल गये, जहां सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार को करने का आदेश दिया और एमसीडी की कार्रवाई पर रोक लगा दी। जिसके बाद एमसीडी के बुलडोजरों ने अवैध अतिक्रमण को गिराना रोक दिया।
अब इस मामले में कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ही स्थिति साफ हो पायेगी की एमसीडी के अतिक्रमण अभियान की दशा और दिशा कैसी करती है।