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जम्मू कश्मीर में 11 बर्खास्त कर्मचारियों में शिक्षक और पुलिसकर्मी भी शामिल, घाटी के हैं सारे कर्मचारी

By वैशाली कुमारी | Updated: July 11, 2021 16:53 IST

जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए  हुए 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। आतंकी सलाहुद्दीन के दो बेटों को भी नौकरी से बर्खास्त किया गया है।

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ठळक मुद्दे पाकिस्तान में रह रहे हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटों सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ को भी नौकरी से निकाला गया है। 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया।बर्खास्त होने वाले दो पुलिसकर्मि गोपनीय सूचनाएं आतंकी संगठनों तक पहुंचाने का काम करते है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए  हुए 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद-311 (2) (ब्) के तहत जम्मू-कश्मीर कि सरकार ने यह कार्रवाई की है। वहीं खबर यह भी है कि आतंकी सलाहुद्दीन के दो बेटों को भी नौकरी से बर्खास्त किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, बर्खास्त किए गए 11 कर्मचारियों में से 4 अनंतनाग से, 3 बडगाम से, 1 श्रीनगर, 1 पुलवामा और 1 कुपवाड़ा से हैं। इनमें से 4 शिक्षा विभाग , 2 जम्मू-कश्मीर पुलिस में और 1-1 कृषि, कौशल विकास, बिजली, एसकेआईएमएस और स्वास्थ्य विभागों में कार्य करते थे। सरकार ने इन सभी कि सेवा समाप्त कर दी है। इनमें से ज्यादातर घाटी के हैं। 

सरकार ने यह बड़ा कदम इसलिए उठाया क्योकि ये कर्मचारी टेरर फंडिंग, अलगाववाद और आतंकियों को पनाह देने जैसी देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे। समिति की दूसरी बैठक में तीन और चौथी में आठ कर्मचारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की गई थी।

बता दें कि  पाकिस्तान में रह रहे हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटों सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ को भी नौकरी से निकाला गया है। ये दोनों भी टेरर फंडिंग मामले में शामिल रहे हैं। इस मामले में एनआईए ने दोनों को ट्रैक करने के बाद उनका ट्रायल किया था। इसमें पाया गया था कि दोनों हिजबुल के लिए पैसे  इकट्ठा करते थे और हवाला के जरिये फंड भी ट्रांसफर करते थे। सूत्रों के मुताबिक बर्खास्त होने वालों में एक कुपवाड़ा आईटीआई का अर्दली है जो लश्कर-ए-ताइबा के ओजीडब्ल्यू के रूप में काम करता है।

वह आतंकियों को सुरक्षा बलों की मूवमेंट की जानकारी देता था। अनंतनाग के दो शिक्षकों जब्बार अहमद पर्रे और निसार अहमद तांत्रे को देशविरोधी गतिविधियों एवं अलगाववाद को बढ़ावा देने समेत जमात ए इस्लामी व दुख्तरान ए मिल्लत जैसे अलगाववादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। इन दोनों पर पाकिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप है।

वहीं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अर्दली नाज मोहम्मद अली को आतंकियों के साथ संबंध होने कि वजह से बर्खास्त कर दिया गया है। वह हिजबुल मुजाहिदीन का ओजीडब्ल्यू था और आतंकी गतिविधियों से उसका संबंध था ।

इसके साथ ही बिजली विभाग के इंस्पेक्टर शाहीन अहमद लोन को हिजबुल मुजाहिदीन के लिए हथियारों की तस्करी में शामिल पाया गया। उसे पिछले साल जनवरी महीने में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर दो आतंकियों के साथ पकड़ा गया था।

सूत्रों के मुताबिक बर्खास्त होने वाले दो पुलिसकर्मी गोपनीय सूचनाएं आतंकी संगठनों तक पहुंचाने का काम करते है और एक पुलिसकर्मी तो सुरक्षा बलों पर हमले में भी शामिल रहा है। इन दोनो पुलिसकर्मियों पर आतंकियों तक विभाग की गोपनीय सूचनाएं पहुंचाने के मामले में कार्रवाई की गई है।  

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