मोबाइल फोन के युग में घाटी में ‘पीसीओ और एसटीडी बूथ’ के दिन फिर से लौटे, नए लैंडलाइन कनेक्शन के सैकड़ों आवेदन प्राप्त

By भाषा | Updated: September 3, 2019 20:18 IST2019-09-03T20:18:36+5:302019-09-03T20:18:36+5:30

सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को नये लैंडलाइन (टेलीफोन) कनेक्शन के सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए हैं। सिविल लाइन इलाके में कई सारे अस्थायी सार्वजनिक कॉल कार्यालय (पीसीओ) खुल गये हैं। दरअसल, इन इलाकों में लैंडलाइन टेलीफोन सुविधाएं बहाल हो गई हैं।

It seems that the days of 'PCO and STD booths' in the valley returned, hundreds of applications for new landline connections were received | मोबाइल फोन के युग में घाटी में ‘पीसीओ और एसटीडी बूथ’ के दिन फिर से लौटे, नए लैंडलाइन कनेक्शन के सैकड़ों आवेदन प्राप्त

दरअसल, लोग फोन करने के लिए उनके घर के लैंडलाइन फोन का उपयोग करना चाहते थे।

Highlightsकेंद्र की घोषणा से कुछ घंटे पहले सरकार ने राज्य में टेलीफोन एवं संचार सेवाओं के सभी माध्यम बंद कर दिये थे। लैंडलाइन सेवाएं बहाल हो गई हैं लेकिन श्रीनगर शहर के वाणिज्यिक इलाकों सहित घाटी के कई हिस्सों में यह अब भी ठप है।

मोबाइल फोन के युग में यहां अस्थायी पीसीओ के बाहर कतार में खड़े सैकड़ों लोग अपने सगे-संबंधियों को फोन करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं और ऐसा लगता है कि घाटी में ‘‘पीसीओ और एसटीडी बूथ’’ के दिन फिर से लौट आए हैं।

वहीं, सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को नये लैंडलाइन (टेलीफोन) कनेक्शन के सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए हैं। सिविल लाइन इलाके में कई सारे अस्थायी सार्वजनिक कॉल कार्यालय (पीसीओ) खुल गये हैं। दरअसल, इन इलाकों में लैंडलाइन टेलीफोन सुविधाएं बहाल हो गई हैं।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पिछले महीने रद्द किये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र की घोषणा से कुछ घंटे पहले सरकार ने राज्य में टेलीफोन एवं संचार सेवाओं के सभी माध्यम बंद कर दिये थे।

हालांकि, कुछ इलाकों में लैंडलाइन सेवाएं बहाल हो गई हैं लेकिन श्रीनगर शहर के वाणिज्यिक इलाकों सहित घाटी के कई हिस्सों में यह अब भी ठप है। जवाहर नगर में मोहम्मद सलीम (बदला हुआ नाम) के घर में उसके रिश्तेदारों की भारी भीड़ लगने लगी थी।

दरअसल, लोग फोन करने के लिए उनके घर के लैंडलाइन फोन का उपयोग करना चाहते थे। सलीम ने कहा, ‘‘लोगों की भारी भीड़ का प्रबंधन करने में मुश्किल हो रही थी। इसलिए मैंने अपने लैंडलाइन को एक भुगतान के साथ सेवा में तब्दील करने का फैसला किया।’’

अपने घर में दो लैंडलाइन फोन रखने वाले इस कारोबारी को लगता है कि सरकार को शहर के उन सभी हिस्सों में पीसीओ खोलना चाहिए, जहां अब तक टेलीफोन सेवाएं बहाल नहीं हुई हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार सभी पुलिस थानों में मुफ्त टेलीफोन सुविधाएं मुहैया कर रही है ताकि देश में कहीं भी अपने सगे-संबंधियों से संपर्क करने के इच्छुक लोगों की मदद की जा सके।

सकीना, जिनकी बेटी राजस्थान में रह कर पढ़ाई करती है, ने कहा ‘‘महिलाएं फोन करने के लिए थाना जाने में सहज महसूस नहीं करती...मैं यहां कहीं अधिक सहज महसूस करती हूं, हालांकि मुझे करीब 10 किमी सफर करना पड़ा।’’ अस्थायी पीसीओ मालिकों का मानना है कि यदि सरकार ने घाटी में मोबाइल फोन सेवाओं का निलंबन जारी रखा तो इस तरह की और दुकानें खुल जाएंगी।

इस बीच, सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शहर के हर सक्रिय एक्सचेंज में नये लैंडलाइन कनेक्शन के सैकड़ों आवेदन मिले हैं। बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसके व्यवहार्यता मुद्दे पर गौर कर रहे हैं और जहां संभव होगा वहां कनेक्शन देंगे।’’ 

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