Video: ये मास्क है या बीयर्ड (दाढ़ी) है? मलयालम एक्टर सुरेश गोपी के नए लुक पर राज्यसभा चेयरमैन कुछ ऐसे हुए कंफ्यूज, जानें पूरा मामला
By आजाद खान | Published: March 28, 2022 01:34 PM2022-03-28T13:34:48+5:302022-03-28T13:51:00+5:30
इस दौरान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के प्रगति के बाधक पर भी बोला था। उन्होंने इस पर चिंता करने को कहा है।
नई दिल्ली: संसद में भी कभी-कभी अलग-अलग चीजें देखने को मिलती है। गंभीर चर्चाओं के बीच हमें हंसी-मजाक भी अकसर देखने को मिल जाते हैं। ये पल आपके चेहरे पर कभी मुस्कान तो कभी हंसी छोड़ जाती है। ऐसा ही कुछ पिछले हफ्ते राज्यसभा में देखने को मिला था जहां पर मलयालम एक्टर और केरल के बीजेपी के एमपी सुरेश गोपी एक अलग ही अंदाज में दिखाई दिए थे। उनका लुक इतना अलग था कि राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू उनसे सवाल पूछे बिना रह नहीं पाए थे। आखिर वेंकैया नायडू ने ऐसा क्या देखा जो वे पूछे बिना रह नहीं पाए थे।
एमपी सुरेश गोपी के लुक ने किया वेंकैया नायडू को कंफूज
दरअसल, जब एमपी सुरेश गोपी सदन में अपनी बात रखने की कोशिश की थी तभी वेंकैया नायडू की नजर उनके नए लुक पर पड़ी। सुरेश गोपी के नए लुक को देखकर राज्यसभा चेयरमैन ने पूछा कि क्या यह मास्क है या बीयर्ड? वेंकैया नायडू के ये सवाल सुनकर संसद में मौजूद अन्य नेताओं ने अपने आप को रोक नहीं पाया और हंसने लगें। इस पर मलयालम अभिनेता ने जवाब देते हुए कहा कि बीयर्ड है। उन्होंने यह भी बताया कि यह उनका नया लुक आने वाले नई फिल्म के लिए है। अभिनेता का जवाब सुनने के बाद उपराष्ट्रपति संतुष्ट नजर आए और फिर उन्होंने अपनी बात सदन में रखी थी।
HAHAHA! Our VP @MVenkaiahNaidu Garu and his wicked sense of humour! Never a dull moment with him around! Suresh Gopi this time!
— मङ्गलम् (@veejaysai) March 25, 2022
Yappa! 😂 #CannotAbleTo#EpicLolpic.twitter.com/WfhZ6NIsYb
भारत की प्रगति पर क्या बोले वेंकैया नायडू
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के प्रगति के बाधक के बारे में भी कहा है। उन्होंने कहा कि बाल कुपोषण, लैंगिक असमानता, स्वच्छ पानी तक एकसमान पहुंच न होना और पर्यावरण प्रदूषण कुछ ऐसे कारक हैं जो भारत के उन्नति में बाधा बन रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) संबंधी एजेंडा 2030 को प्राप्त करने के लिए देश को काफी प्रयास करने की आवश्यकता है। उपराष्ट्रपति ने पृथ्वी की देखभाल और इसकी रक्षा के लिए सभी देशों को भी एक साथ आने को कहा है। उन्होंने भारत के विकास पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा कि इसके बारे में हमें सोचना होगा।