भारत को बाद के चरण में शामिल करना चाहता था ईरान: विदेश मंत्रालय ने फरजाद-बी परियोजना पर कहा

By भाषा | Updated: May 20, 2021 23:52 IST2021-05-20T23:52:11+5:302021-05-20T23:52:11+5:30

Iran wanted to involve India in later phase: Foreign Ministry says on Farzad-B project | भारत को बाद के चरण में शामिल करना चाहता था ईरान: विदेश मंत्रालय ने फरजाद-बी परियोजना पर कहा

भारत को बाद के चरण में शामिल करना चाहता था ईरान: विदेश मंत्रालय ने फरजाद-बी परियोजना पर कहा

नयी दिल्ली, 20 मई ओएनजीसी द्वारा फारस की खाड़ी में खोजे गए फरजाद-बी गैस फील्ड परियोजना से भारत के बाहर होने के कुछ दिन बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईरान बाद के चरण में परियोजना में उसकी भागीदारी चाहता था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि संबंधित भारतीय कंपनी समूह इस मुद्दे पर ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली जुलाई में ईरान ने फरजाद बी गैस फील्ड को अपने दम पर विकसित करने का फैसला किया था और वह भारत को बाद के चरण में उचित रूप से शामिल करना चाहता था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कंपनी समूह की भागीदारी प्रक्रिया में है और हम उनके संपर्क में हैं। नवीनतम घटनाक्रम गैस क्षेत्र को विकसित करने के ईरान के प्रयासों का निश्चित रूप से हिस्सा है और हमारी कंपनियों का समूह ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है।’’

ईरान के पेट्रोलियम मंत्रालय की आधिकारिक समाचार सेवा शाना ने तीन दिन पहले एक खबर में कहा, ‘‘ नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी (एनआईओसी) ने फारस की खाड़ी में फरजाद-बी गैस फील्ड के विकास के लिये पेट्रोपार्स ग्रुप के साथ 1.78 अरब डालर का करार किया।’’

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी की विदेशों में तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन कार्य करने वाली इकाई ओएनजीसी विदेश ने 2008 में फारस खाड़ी स्थित अपतटीय ब्लाक में एक बड़े गैस क्षेत्र की खोज की थी। इस खोज को आगे विकसित करने के लिये ओएनजीसी विदेश और उसकी भागीदार कंपनियों ने 11 अरब डालर के निवेश की पेशकश की थी। इसी खोज का नाम बाद में फरजाद-बी रखा गया।

गाजा के हालात के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि भारत घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है।

उन्होंने 16 मई को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति द्वारा दिए गए एक विस्तृत बयान का भी जिक्र किया।

बागची ने कहा, ‘‘‘हम अगले एक या दो दिन में संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस मुद्दे पर एक बयान देने की उम्मीद करते हैं।’’

चीन द्वारा बांग्लादेश को क्वाड में शामिल नहीं होने की धमकी देने के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि उनके पास इस मामले में टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने इस पर ढाका की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया।

हालांकि, बागची ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला द्वारा 12 मार्च को क्वाड नेताओं के एक आनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद की गई टिप्पणी का उल्लेख किया कि विचार-विमर्श के दौरान समूह के विस्तार के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई।

इस बीच, कोविड-19 को लेकर बुधवार को सिंगापुर के उच्चायुक्त द्वारा की गई इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि जो कुछ भी सार्वजनिक रूप से कहा गया है, उनके पास उसके अलावा कहने के लिए कुछ भी नहीं है।

दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोविड-19 के नये स्वरूप से संबंधित टिप्पणी पर भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने कहा था कि उनका देश केजरीवाल के कुछ बयानों के संबंध में गलत सूचनाओं को रोकने के लिए घरेलू कानून के प्रावधानों को लागू करने का अधिकार रखता है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि सिंगापुर में आया कोरोना का कथित नया स्वरूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। उन्होंने कहा था कि उनकी केंद्र सरकार से अपील है कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों।

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Web Title: Iran wanted to involve India in later phase: Foreign Ministry says on Farzad-B project

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