आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानता याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने आठ नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील और चिदंबरम की दलीलें सुनी थी, जिसके बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
चिदंबरम ने अधिवक्ता अर्शदीप सिंह के मार्फत जमानत याचिका दायर की थी। चिदंबरम ईडी के धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
मेहता ने कहा था कि यह एक आर्थिक अपराध है, जो कि अलग है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने ईडी के वकील और चिदंबरम की दलीलें सुनी तथा जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम (74) तिहाड़ जेल में हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि चूंकि साक्ष्य दस्तावेजी हैं और वे जांच एजेंसियों के पास हैं, इसलिए वह इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से पेश होते हुए कहा था कि शुरुआत से ही जांच एजेंसी का मामला यह कहीं से नहीं रहा कि कांग्रेस नेता ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन अचानक से अक्टूबर में (जब चिदंबरम हिरासत में हैं) यह आरोप लगाया गया कि वह अहम गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं और उन्हें प्रभावित कर सकते हैं।
सुनवाई के प्रारंभ में न्यायाधीश ने सॉलिसीटर जनरल से पूछा था कि 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच ईडी ने कितने गवाहों से पूछताछ की, जब चिदंबरम उनकी हिरासत में थे। मेहता ने कहा था कि उस अवधि के दौरान तीन गवाहों को समन किया गया। उनमें से दो लोग पेश नहीं हुए जबकि तीसरे ने एक हस्तलिखित पत्र दिया और गवाह इतना भयभीत है कि वह चिदंबरम से आमना-सामना कराया जाना नहीं चाहता।
इधर, आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पी चिदंबरम को 13 नवंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और उनकी न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा दी गई। इस मामले में उनकी न्यायिक हिरासत बीते दिन ही समाप्त हो रही थी।(समाचारा एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)