बलात्कार के दर्ज मामलों में जांच समय घटा, और कम करने का प्रयास : लाठर

By भाषा | Updated: January 11, 2021 17:28 IST2021-01-11T17:28:21+5:302021-01-11T17:28:21+5:30

Investigation time reduced in rape cases, and attempts to reduce: Lathar | बलात्कार के दर्ज मामलों में जांच समय घटा, और कम करने का प्रयास : लाठर

बलात्कार के दर्ज मामलों में जांच समय घटा, और कम करने का प्रयास : लाठर

जयपुर, 11 जनवरी राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने कहा कि प्रभावी निगरानी के चलते राज्य में बलात्कार के मामलों की जांच में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के दर्ज प्रकरणों की जांच में लगने वाला औसत समय 274 दिन (2017-2018) से घटकर 126 दिन (2019-2020) हो गया है जिसे और कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

लाठर ने सोमवार को यहां औपचारिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें उन्होंने पिछले साल पुलिस के कामकाज व राज्य में अपराधों की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में प्रभावी निगरानी के लिये प्रत्येक जिले में विशेष शाखा का गठन किया गया है इससे बलात्कार के मामलों के अनुसंधान में लगने वाले समय में कमी आई है।

उन्होंने बताया कि महिलाओं में यौन अपराधों से जुड़े अधिकांश मामलों में जानकार व्यक्तियों के भागीदारी बनी रहती है और राज्य पुलिस ने अन्य विभाग के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये हैं। उन्होंने बताया, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों, विशेष रूप से यौन अपराधों के प्रति जागरूकता लाने व महिलाओं के सम्मान एवं सुरक्षा, युवाओं में नारी के सम्मान, लैंगिग समानता, महिलाओं में उनके अधिकार की जानकारी बढाने के उद्देश्य से राज्य में अक्टूबर में आवाज अभियान चलाया गया।’’

उन्होंने बताया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिये छात्रा आत्मरक्षा कौशल योजना पूर्व से ही संचालित थी जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता था। वर्ष 2020 में 28,832 छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि 500 थानों पर महिलाओं एवं बाल डेस्क के सुदृढीकरण के लिये पांच करोड़ रूपये के संसाधन खरीदे गए। पिछले वर्ष के अपराध आंकड़ों के बारे में लाठर ने बताया कि राज्य में जघन्य अपराधों के अदालतों में चालान पेश करने के मामले 97-99 प्रतिशत रहे यद्यपि ऐसे अपराधों में आंशिक वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में भारतीय दण्ड संहिता के तहत दर्ज प्रकरणों में पंजीकरण में पिछले वर्ष की तुलना में 14.21 प्रतिशत की कमी हुई है। हत्या के प्रकरणों में 3.62 प्रतिशत एवं हत्या का प्रयास में 8.24 प्रतिशत की वृद्धि हुईहै। वहीं अपहरण में 22.64 प्रतिशत की कमी हुई है।

लाठर ने बताया कि राजस्थान देश में प्रथम व एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सीधी सीसीटीएनएस में प्रकरण दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध है जून 2019 से लागू इस व्यवस्था के तहत अब तक कुल 200 प्रकरण दर्ज हुए है।

अदालत के निर्देश पर इस्तगासा के माध्यम से दर्ज किए गए मामलों की संख्या भी 2020 में 24 प्रतिशत (2018) से 11 प्रतिशत कम हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 18 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 12 प्रतिशत व घायलों की संख्या में 27 प्रतिशत की कमी आई है। लाठर ने बताया कि वर्ष 2020 में अवैध हथियारों के विरूद्ध कार्रवाई में आर्म्स एक्ट के तहत कुल 5199 प्रकरण दर्ज किए गए और आर्म्स एक्ट में कुल 5657 अपराधी गिरफ्तार किए गए। संगठित अपराध एवं माफिया के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के लिये प्रत्येक जिला में जिला विशेष टीम का गठन किया गया, जिसक पर्यवेक्षण राज्य स्तर पर एसओजी द्वारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र डूंगरपुर और उदयपुर में हिंसात्मक घटनाओं को छोडकर अमूवन 2020 में राज्य में कानून और व्यवस्था शांतिपूर्ण बनी रही।

गौरतलब है कि जनजातीय क्षेत्र में सितंबर में हिंसा उस समय भड़क गई थी जब शिक्षकों की भर्ती परीक्षा -2018 के उम्मीदवारों ने एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया, कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और वाहनों को रोक दिया था। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोविड 19 से संबंधित दिशा निर्देशों के उल्लंघन पर मोटर वाहन अधिनियम, महामारी रोग अधिनियम 2020 के तहत कार्रवाही की गई। इसमें 3812 मामले पंजीकृत किये गये और 7284 लोगों को मानदंडों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया गया।

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Web Title: Investigation time reduced in rape cases, and attempts to reduce: Lathar

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