जम्मू कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती पर सियासी सवाल खड़े हो रहे थे। इस बीच खबर आ रही है कि घाटी में आतंकी हमले के इनपुट्स की वजह से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आतंकी संगठन घाटी में आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं। इस बाद का इनपुट मिलने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के बाद अतिरिक्त जवानों की तैनाती की घोषणा की गई। जवानों को हवाई मार्ग से प्रदेश में पहुंचाया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने बताया कि वह पहले से ही उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की मांग करते रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऑर्डर में कहा गया है कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती इसलिए की जा रही है ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर की जा सके।
केंद्र सरकार ने यह कदम तब लिया है जब चार महीने पहले ही जम्मू कश्मीर में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई थी। बीते 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद सरकार ने यह तैनाती की थी।
इस पूरे मसले पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा घाटी में अतिरिक्त 10,000 पुलिसबलों की तैनाती के फैसले से लोगों के बीच डर पैदा हो गया है। कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य विकल्प से नहीं सुलझेगी। भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीतियों में सुधार की जरूरत है।