कथित प्रेमी के मोबाइल की लोकेशन का विवरण निजता के अधिकार का उल्लंघन, कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, जानिए पूरा मामला

By भाषा | Published: December 13, 2022 08:30 PM2022-12-13T20:30:28+5:302022-12-13T20:31:50+5:30

उच्च न्यायालय ने कहा कि यह तीसरे पक्ष के निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, जो संबंधित वैवाहिक विवाद में पत्नी का कथित प्रेमी है।

Informational privacy integral to right to privacy, can’t be violated Karnataka HC petition husband family court details mobile tower third party | कथित प्रेमी के मोबाइल की लोकेशन का विवरण निजता के अधिकार का उल्लंघन, कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, जानिए पूरा मामला

मोबाइल टॉवर से उसके (तीसरे पक्ष) मोबाइल नंबर के ब्योरे के जरिए साबित करना चाहता है।

Highlightsदंपति के बीच 2018 से बेंगलुरु की परिवार अदालत में वैवाहिक मामला चल रहा है।मोबाइल टॉवर रिकॉर्ड विवरण तलब करने की अनुमति दी थी, जो पारिवारिक मामले का हिस्सा नहीं था।मोबाइल टॉवर से उसके (तीसरे पक्ष) मोबाइल नंबर के ब्योरे के जरिए साबित करना चाहता है।

बेंगलुरुः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक परिवार अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें एक मोबाइल सेवा प्रदाता को एक दंपति के वैवाहिक मामले में तीसरे पक्ष की कॉल डिटेल और मोबाइल टॉवर का ब्योरा जमा करने को कहा गया था।

उच्च न्यायालय ने कहा कि यह तीसरे पक्ष के निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, जो संबंधित वैवाहिक विवाद में पत्नी का कथित प्रेमी है। 'तीसरे पक्ष' की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्न ने अपने हालिया फैसले में कहा, ‘‘पति की इस दलील पर कि वह याचिकाकर्ता और अपनी पत्नी के बीच अवैध संबंध साबित करना चाहता है, तीसरे पक्ष की निजता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।" संबंधित दंपति के बीच 2018 से बेंगलुरु की परिवार अदालत में वैवाहिक मामला चल रहा है।

परिवार अदालत ने 28 फरवरी, 2019 को अन्य व्यक्ति का मोबाइल टॉवर रिकॉर्ड विवरण तलब करने की अनुमति दी थी, जो पारिवारिक मामले का हिस्सा नहीं था। पति ने आरोप लगाया था कि यह तीसरा पक्ष उसकी पत्नी का प्रेमी है और वह इसे मोबाइल टॉवर से उसके (तीसरे पक्ष) मोबाइल नंबर के ब्योरे के जरिए साबित करना चाहता है।

इसे तीसरे पक्ष ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने 2019 में परिवार अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय ने 30 नवंबर, 2022 को याचिका का निस्तारण कर दिया। याचिका को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, "किसी नागरिक को अपनी, अपने परिवार, विवाह और अन्य जुड़े हुए संबंधों की गोपनीयता की रक्षा करने का अधिकार है।

सूचनात्मक गोपनीयता भी निजता के अधिकार का एक अभिन्न अंग है। इसलिए, जो आदेश याचिकाकर्ता, जो मामले में पक्षकार भी नहीं है, का मोबाइल टॉवर ब्योरा अदालत के समक्ष रखने को निर्देश देता है, निस्संदेह सूचनात्मक गोपनीयता का उल्लंघन करता है।"

इसने यह भी कहा कि तलाक की अर्जी पत्नी ने दायर की थी, न कि पति ने। इसने यह भी कहा कि भले ही पत्नी ने तीसरे पक्ष का टॉवर ब्योरा मांगे जाने पर आपत्ति नहीं की हो, फिर भी वह उसके फैसलों से बाध्य नहीं हो सकता। 

Web Title: Informational privacy integral to right to privacy, can’t be violated Karnataka HC petition husband family court details mobile tower third party

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे