इंदौर: स्वच्छता में सात बार नंबर वन रहने वाले इंदौर में अब पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से लोगों के बीमार पड़ने की घटनाओं से हड़कंप मचा हुआ है। शहर के 100 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों से नलों में गंदा और बदबूदार पानी आ रहा था। शिकायतों के बावजूद नगर निगम ने समय पर कार्रवाई नहीं की। शनिवार को भागीरथपुरा की बोरासी गली निवासी उर्मिला यादव और सीमा बाई (पति गौरीशंकर प्रजापत) की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया। परिजनों ने दोनों की मौत दूषित पानी से होने का आरोप लगाया है, हालांकि प्रशासन ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
इस घटना से हड़कंप मचने के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अस्पताल पहुंचे और बीमार नागरिकों से मुलाकात कर उनके इलाज की जानकारी ली। उन्होंने कहा— “क्या हुआ, कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल सभी का उपचार प्राथमिकता है और जल्द ऐसी स्थिति दोबारा न बने, इस पर काम किया जा रहा है।”मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्थानीय प्रशासन को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी प्रभावित लोगों को तत्काल उचित उपचार और राहत प्रदान की जाए।
घटना के बाद नगर निगम भी हरकत में आया। देर रात प्रभावित बस्तियों में जल विभाग के अधिकारियों ने सैंपल लिए और टैंकरों से स्वच्छ पानी की आपूर्ति शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि कुछ इलाकों में ड्रेनेज लाइन नर्मदा पाइपलाइन से मिल रही है, जिससे दूषित पानी घरों तक पहुंचा। नागरिकों का कहना है कि शहर सफाई में तो देश का सिरमौर है, लेकिन नागरिकों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा, जो स्वच्छता अभियान की सफलता पर सवाल खड़ा करता है।