भारत-बांग्लादेश की सेना 1971 के युद्ध की याद में 370 किलोमीटर अंतर-सीमा साइकिल अभियान पर

By भाषा | Published: November 18, 2021 03:35 PM2021-11-18T15:35:38+5:302021-11-18T15:35:38+5:30

Indo-Bangladesh army on 370 km inter-border cycle expedition to commemorate the 1971 war | भारत-बांग्लादेश की सेना 1971 के युद्ध की याद में 370 किलोमीटर अंतर-सीमा साइकिल अभियान पर

भारत-बांग्लादेश की सेना 1971 के युद्ध की याद में 370 किलोमीटर अंतर-सीमा साइकिल अभियान पर

कोलकाता, 18 नवंबर भारत और बांग्लादेश की सेना ने 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में पड़ोसी देश के जेस्सोर से कोलकाता तक एक संयुक्त साइकिल अभियान का आयोजन किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस संयुक्त साइकिल अभियान में दोनों सेनाओं के 20-20 सदस्य हैं और वे 24 नवंबर को यहां पूर्वी कमान के मुख्यालय ‘फोर्ट विलियम’ पहुंचने के लिये 10 दिनों में 370 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं।

एक रक्षा अधिकारी ने कहा, “अभियान उन सैनिकों की वीरता और साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए है जिन्होंने युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया, जिससे बड़ी जीत मिली और एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ।”

उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को जेस्सोर से चला साइकिल चालकों का दल बांग्लादेश के झेनियाडाह, कुस्तिया, मेहरपुर, दर्शाना, चुआडांगा के साथ ही भारत के कृष्णानगर, रानाघाट, कल्याणी और बैरकपुर होते हुए यहां पहुंचेगा।

अधिकारी ने बताया, “दल के सदस्य भारत में पूर्व सैनिकों से बातचीत करेंगे और बांग्लादेश में ‘मुक्ति योद्धाओं’ से भी जुड़ेंगे।”

अभियान के दौरान युवक-युवतियों से भी संपर्क किया जा रहा है और उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही बांग्लादेश की मुक्ति में सशस्त्र बलों के योगदान से भी उन्हें अवगत कराया जा रहा है।

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा सिक्किम के चुंगथांग से आयोजित एक और साइकिल अभियान का समापन मंगलवार को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ समारोह के हिस्से के रूप में पानागढ़ में हुआ।

उन्होंने कहा, “अभियान दल पानागढ़ सैन्य स्टेशन तक पहुंचने के लिए सिक्किम की बर्फीली पर्वत चोटियों और पश्चिम बंगाल के मैदानी इलाकों से होकर गुजरा।”

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए संदेश फैलाने के अलावा, 12 साइकिल चालकों की टीम ने पूर्व सैनिकों, वीर नारियों (शहीदों की पत्नियों) के साथ बातचीत की और युवाओं को करियर विकल्प के रूप में सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

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Web Title: Indo-Bangladesh army on 370 km inter-border cycle expedition to commemorate the 1971 war

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