जब 1962 के युद्ध में इंदिरा गांधी ने देश के लिए दान कर दी थीं चूड़ियां और गहने

By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 31, 2018 02:26 PM2018-10-31T14:26:22+5:302018-10-31T14:26:22+5:30

Indira Gandhi Death Anniversary: इंदिरा गांधी देश की पीएम थीं। नाथू ला में चीनी सेना से तनाव चल रहा था। एक दिन एक घटना घटी।  भारतीय सैनिक कुछ समझ पाते इससे पहले मेडियम मशीन गनों से चीनी सैनिकों ने गोलियां बरसा दीं। लेकिन तब भारत ने चीन को ऐसा सबक सिखाया, जिसकी आज भी मिसाल दी जाती है।

Indira Gandhi Death Anniversary: When 1st Lady PM Donates Her Jewellery During India-China War 1962  | जब 1962 के युद्ध में इंदिरा गांधी ने देश के लिए दान कर दी थीं चूड़ियां और गहने

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की फाइल फोटो

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बुधवार (31 अक्टूबर) को पुण्यतिथि है। भारत की इकलौती महिला प्रधानमंत्री की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी बरसी पर सोशल मीडिया में दो धाराएं बह रही हैं। कई यूजर इंदिरा गांधी के आपातकाल समेत उनके फैसलों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इंदिरा गांधी के फैसलों और उनके जीवन से जुड़े तथ्यों को लेकर उनका गुणगान भी हो रहा है।

ट्व‌िटर हैंडल इंडिया हिस्ट्री पिक ने इसी क्रम में एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, "भारत-चीन युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी अपने गहने राष्ट्रीय सुरक्षा निधि को दान करते हुए।"

इस तस्वीर में इंदिरा गांधी अपनी कुछ चूड़िया और जवाहरात एक शख्स को देते दिखाई दे रही हैं। इसके बाद से यह तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर शेयर हो रही है। कांग्रेस और कांग्रेस समर्थक इस तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसी तस्वीरें शेयर रहे हैं, जिनमें वे तस्वीर खिंचाते नजर आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि चीन के साथ भारत का युद्ध साल 1962 में हु‌आ था। तब भारत को भारी जान-माल की क्षति हुई थी। उस वक्त देश में पं. जवाहर लाल नेहरू की सरकार थी। इंदिरा गांधी तब कांग्रेस कार्यकर्ता और पीएम की बेटी थीं। असल में यह दौर भारत में भयानक आर्थ‌िक तंगी का था। पाकिस्तान और चीन से सीमा पर लगातार विवाद चल रहा था।

1962 भारत-चीन युद्ध

लंबे तनाव के बाद चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू कर दिए थे। इस युद्ध में ज्यादातर लड़ाई 4250 मीटर (14,000 फीट) से अधिक ऊंचाई पर लड़ी गई। ऐसा माना जाता है कि भारतीय सेना कृष्ण मेनन की "कृपापात्र को अच्छी नियुक्ति" की नीतियों के चलते भारत को कई चुनौतियों पर हाथ पीछे खीचने पड़े।

इस युद्ध में भारतीय सेना ही आपस में विभाजित हो गई थी। इस युद्ध को भारत के लिए एक सैन्य पराजय और एक राजनीतिक आपदा के रूप में याद किया जाता है।

आर्थ‌िक तंगहाली के वक्त इंदिरा गांधी को मिली थी देश की कमान

सन 1966 का सूखा और 1962 युद्ध के बाद से ही चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ था। 

उसी दौर में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री ने पेट पर रस्सी बांधने का आह्वान किया था। जय जवान-जय किसान का नारा भी उन्हीं दिनों का है। लेकिन लाल बहादुर शास्‍त्री की ताशकंद समझौते लिए उजबेकिस्तान दौरे पर ही मौत हो गई। इसके बाद देश की बागडोर इंदिरा गांधी के हाथों में आई।

यह तस्वीर उसी दौर की बताई जा रही है। जब इंदिरा गांधी ने अपने गहने नेशनल डिफेंस फंड को दान कर दिए। उल्लेखनीय है कि सन 1967 में देश में इंदिरा गांधी की सरकार थी, तब भारत की 2 ग्रेनेडियर्स बटालियन की नाथु ला दर्रे पर सैन्य गश्त के दौरान चीन के जवानों के साथ अक्सर धक्का-मुक्की होती रही थी।

उसी दौर पर जेपी दत्ता ने हाल ही में फिल्म पलटन बनाई थी। 11 सितंबर 1967 को एक घटना घटी थी। धक्का-मुक्की की लगातार खबरों के बीच नाथू ला से सेबु ला के बीच में तार बिछाने का फैसला किया गया था। जब बाड़बंदी शुरू की गई तभी चीनी सैनिकों ने विरोध शुरू कर दिया। फिर अचानक चीनी सैनिक बंकर में लौट गए। भारतीय सैनिक कुछ समझ पाते इससे पहले मेडियम मशीन गनों से चीनी सैनिकों ने गोलियां बरसा दीं। शुरुआती दस मिनट में ही भारत के 70 सैनिक मारे गए।

लेकिन इसके बाद भारत की ओर से किए गए जवाबी हमले में चीन के करीब 400 सैनिकों को मार गिराने दावा किया गया था। अक्टूबर महीने में एक बार  फिर हालात खराब हुए थे। तब भी भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था। ठीक ऐसे ही हालात साल 2017 में डोकलाम पर बने थे। इस वक्त देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, यहां भी भारत की ही जीत मानी जाती है।


ऐसे में पीएम मोदी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की तुलना जमकर की जाती है। लेकिन इस तस्वीर के बाद और इसके साथ बताई जा रही घटना को लेकर इंदिरा परस्त लोगों को एक बढ़त दिला दी है।

English summary :
Former Prime Minister Indira Gandhi's death anniversary is on 31st October. India's only woman Prime Minister was shot dead on October 31, 1984. On Indira Gandhi death anniversary, two different views are in the social media. Many users are questioning Former PM Indira Gandhi's decisions on emergency. On the other hand, Indira Gandhi is also being praised on her decisions and the facts related to her life.


Web Title: Indira Gandhi Death Anniversary: When 1st Lady PM Donates Her Jewellery During India-China War 1962 

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे