IndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"
By अंजली चौहान | Updated: December 5, 2025 13:47 IST2025-12-05T13:44:07+5:302025-12-05T13:47:29+5:30
IndiGo Crisis: राहुल गांधी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो संकट से गुज़र रही है और उसे सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। अकेले शुक्रवार को ही एयरलाइन ने 400 से ज़्यादा उड़ानें रद्द कर दी हैं।

IndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"
IndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानें रद्द होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने इंडिगो फ्लाइट्स में हुई भारी गड़बड़ी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जिससे हजारों यात्री फंस गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इंडिगो का यह संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का नतीजा है।
इंडिगो की सैकड़ों घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है जबकि कई उड़ानें देर से रवाना होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘इंडिगो का संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का नतीजा है। एक बार फिर इसकी कीमत आम भारतीयों को देरी, उड़ानें रद्द होने और लाचारी के रूप में चुकानी पड़ी है।"
उन्होंने दावा किया कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, "मैच फिक्सिंग के एकाधिकार" का नहीं है। इंडिगो हाल के दिनों में चालक दल की भारी किल्लत का सामना कर रही है।
नेता विपक्ष @RahulGandhi जी सालों से एक ही बात कहते आ रहे है, जब सरकार कुछ बड़े उद्योगपतियों की मोनोपोली के लिए काम करती है, तो घाटा सिर्फ आम आदमियों के होता है।
— Indian Youth Congress (@IYC) December 5, 2025
Indigo का आज का हाल देखकर वही सच्चाई सामने है।
हज़ारों लोग फँसे, परिवार परेशान, काम छूटा, पैसे बर्बाद,
और सरकार… pic.twitter.com/Uz90NDjbZ7
दरअसल उड़ान ड्यूटी की सीमा तय करने वाले नए एफडीटीएल नियम लागू होने के बाद से ही एयरलाइन चालक दल की संख्या में कमी का सामना कर रही है। नए नियमों के तहत पायलट के लिए साप्ताहिक विश्राम का समय बढ़ाया गया है और रात में विमानों के उतरने की संख्या सीमित की गई है ताकि उड़ान सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
गांधी ने यह भी बताया कि इन कैंसलेशन और देरी का सीधा असर आम भारतीयों पर पड़ता है, जो देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में इसकी कीमत चुकाते हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "इंडिगो का यह fiasco इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत है। एक बार फिर, आम भारतीय ही इसकी कीमत चुका रहे हैं - देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में।"
गांधी ने ज़ोर देकर कहा, "भारत हर सेक्टर में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच-फिक्सिंग वाले एकाधिकार का।"
पिछले साल की अपनी टिप्पणियों को याद करते हुए, गांधी ने एक लेख शेयर किया जो उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी-शैली के एकाधिकार की वापसी के बारे में चेतावनी देते हुए लिखा था। उन्होंने लिखा, "असली ईस्ट इंडिया कंपनी 150 साल पहले खत्म हो गई थी, लेकिन उस समय इसने जो डर पैदा किया था, वह अब नए तरह के एकाधिकारवादियों के साथ वापस आ गया है।"
उन्होंने "प्रगतिशील भारतीय व्यवसाय के लिए एक नई डील" की मांग की, जिसे उन्होंने एक ऐसा विचार बताया जिसकी बहुत पहले से ज़रूरत थी।
सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू, जिन्होंने गुरुवार को इस बारे में एक हाई-लेवल मीटिंग भी की थी, ने इंडिगो को चेतावनी भी दी है। इंडिगो ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि हालात 10 फरवरी, 2026 तक नॉर्मल हो जाएंगे। नायडू ने X पर पोस्ट किया, "मैंने DGCA और मिनिस्ट्री के संबंधित अधिकारियों को नेटवर्क पर कड़ी नज़र रखने का निर्देश दिया है और इंडिगो को जल्द से जल्द ऑपरेशन नॉर्मल करने का निर्देश दिया है।"