Omicron: महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में मिले ओमीक्रोन के 18 नए मामले, देश में संख्या हुई 131
By रुस्तम राणा | Updated: December 18, 2021 21:57 IST2021-12-18T21:38:21+5:302021-12-18T21:57:19+5:30
शनिवार को महाराष्ट्र 8, कर्नाटक 6 और केरल में 4 नए मामले ओमीक्रोन के पाए गए हैं।

शनिवार को महाराष्ट्र 8, कर्नाटक 6 और केरल में 4 नए मामले ओमीक्रोन के पाए गए हैं।
नई दिल्ली: कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के शनिवार को महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल राज्य में 18 नए मामले पाए गए हैं, जिसके साथ ही देश में अब इसके कुल 131 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि ओमीक्रोन के आठ और मामलों का पता चला है, जिससे राज्य की संख्या 48 हो गई है। इनमें चार मामले मुंबई से, तीन सतारा से और एक मामला पुणे से सामने आया है। अब तक सबसे ज्यादा ओमीक्रोन की संख्या महाराष्ट्र में पाई गई है।
कर्नाटक में मिले 6 नए केस
वहीं कर्नाटक में शनिवार को ओमीक्रोन के 6 नए मामले सामने आए। इनमें से पांच दक्षिण कन्नड़ में शैक्षणिक संस्थानों में पाए गए और एक यूके से वापस आया शख्स भी ओमीक्रोन से पॉजिटिव पाया गया। इस तरह यहां कोरोना के इस नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या को 14 हो गई है। कर्नाटक ही पहला राज्य है जहां ओमीक्रोन का सबसे पहला मामला सामने आया था।
केरल में पाए गए 4 नए मामले
वहीं केरल में इसके 4 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ यहां संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 11 हो गई है। तिरुवनतंपुरम में कोरोना वायरस के इस स्वरूप से दो लोग संक्रमित मिले। इनमें से एक की आयु 17 और दूसरे की 44 वर्ष है। मलप्पुरम में 37 वर्षीय व्यक्ति जबकि त्रिशूर में 49 वर्ष का व्यक्ति संक्रमित पाया गया।
तिरुवनंतपुरम में संक्रमित पाया गया 17 वर्षीय व्यक्ति ब्रिटेन से आया था, जबकि 44 वर्षीय व्यक्ति चार्टर्ड फ्लाइट के जरिये ट्यूनीशिया से आया था। मलप्पुरम में मिला मरीज तंजानिया से आया था, जबकि त्रिशूर का मूल निवासी केन्या से आया था।
बता दें कि राज्य के एर्नाकुलम जिले में 12 दिसंबर को ओमीक्रोन का पहला मामला सामने आया था जब ब्रिटेन से लौटा एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया था। 15 दिसंबर को नए वेरिएंट के चार और मामलों की पुष्टि हुई थी। कल दो मामलों की पुष्टि हुई थी।
ओमीक्रोन की वजह से आती है कोरोना का तीसरी लहर
वहीं नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल समिति ने कहा कि भारत में ओमीक्रॉन की वजह से कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना है। साथ ही कहा कि तीसरी लहर भारत में अगले साल की शुरुआत में आ सकती है, जिसके फरवरी में पीक पर पहुंचने की संभावना है।