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वीडियो: भारत ने पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, सी-किंग हेलीकॉप्टर से दागी गई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: November 21, 2023 16:56 IST

इस पूरी घटना का वीडियो भारतीय नौसेना के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सी-किंग 42बी हेलीकॉप्टर से फायर की गई मिसाइल तेज रफ्तार से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ गई।

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ठळक मुद्देभारतीय नौसेना ने एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक कियासी-किंग 42बी हेलीकॉप्टर से दागी गई मिसाइलमिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए  मंगलवार, 21 नवंबर को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से सी-किंग 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक किया।

यह परीक्षण विशिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पूरी घटना का वीडियो भारतीय नौसेना के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सी-किंग 42बी हेलीकॉप्टर से फायर की गई मिसाइल तेज रफ्तार से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ गई। 

बता दें कि हाल के दिनों में सेनाओं को मजबूत करने के कई प्रयास हुए हैं।  रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)  एक अन्य NASM-MR या नेवल एंटी-शिप मिसाइल भी विकसित कर रहा है। यह दूसरी स्वदेशी एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल है। 

NASM-MR, एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है। इसकी रेंज लंबी है और इसे शुरुआत में फिक्स्ड-विंग फाइटर जेट्स और मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के लिए हर मौसम में लॉन्च होने वाली, एंटी-शिप मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है। यह मिसाइल लगभग 1 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के 300 किलोमीटर दूर खड़े दुश्मन के जहाज पर हमला कर सकती है। इसमें सैटेलाइट गाइडेंस की भी सुविधा है जिसका मतलब है कि यह बीच रास्ते में भी अपना निशाना या रास्ता बदल सकती है। ये खूबी इसे कई गुना खतरनाक बनाती है इसलिए इसे भारतीय नौसेना का ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है।

इसके अलावा नौसेना को और भी ताकतवर बनाने के लिए  भारत ने लगभग 50,000 करोड़ रुपये के अनुमानित 26 राफेल लड़ाकू विमानों के नौसेनिक वर्जन के लिए खरीद की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।  मझगांव डॉक्स (एमडीएल) ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये की तीन और स्कॉर्पीन डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण के लिए फ्रांसीसी मेसर्स नेवल ग्रुप के साथ बातचीत शुरू की है।  फिलहाल विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत मिग-29 विमान का संचालन कर रहे हैं और इनमें से एक पर  राफेल-एम तैनात करने की योजना है। 

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