Indian Railway: रेलवे की भविष्य के लिए बड़ी योजना, 2024 तक खत्म हो जाएगी वेटिंग लिस्ट
By विनीत कुमार | Updated: December 18, 2020 16:26 IST2020-12-18T15:56:38+5:302020-12-18T16:26:51+5:30
आने वाले दिनों में रेलवे बड़ी योजनाओं के लिए काम करता दिखेगा। भारतीय रेलवे अब मांग आधारित पैसेंजर ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है। रेलवे की योजना है कि 2024 तक वेटिंग लिस्ट का प्रावधान खत्म किया जाए।

रेलवे में 2024 तक खत्म हो जाएगी वेटिंग लिस्ट (फाइल फोटो)
भारतीय रेलवे में अगले कुछ वर्षों में कई बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं। दरअसल रेलवे मांग आधारित पैसेंजर ट्रेन (demand based) चलाने की योजना बनाने में जुटा है। ऐसे में साल 2024 तक वेटिंग लिस्ट की परेशानी खत्म हो सकती है।
साथ ही नेशनल रेल प्लान के तहत रेलवे की फ्राइट मूवमेंट (मालढुलाई) में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 27 फीसदी से बढ़ाकर 2030 तक 45 फीसदी पहुंचाने की योजना है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ने साथ ही विजन 2024 के तहत साल 2024 तक फ्राइट मूवमेंट 2024 मिलियन टन पहुंचाने का भी लक्ष्य रखा है। इंडियन रेलवे का साथ ही 2026 तक कुल नेशनल फ्राइट मूवमेंट को 6400 मिलियन टन पहुंचने का अनुमान है।
इस बारे में रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि इसमें 2.9 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
वीके यादव ने कहा, 'नेशनल रेल प्लान पर सभी स्टेकहोल्डर्स का विचार जानेंगे और उम्मीद है कि एक महीने में फाइनल योजना तय हो जाएगी।' यादव ने साथ ही कहा कि ऑपरेटिंग कॉस्ट को कम किया जाएगा और फ्राइट टैरिफ को व्यावहारिक बनाए जाने की योजना है।
फंडिंग जुटाने का काम जारी, कोरोना में हुआ नुकसान
यादव के अनुसार सभी अहम परियोजनाओं को 2024 तक पूरा करने के लिए फंडिंग जुटाने का इंतजाम किया जा रहा है। योजना पटरियों के दोहरीकरण की भी है, जबकि दूसरे कई ट्रैक पर बहु- ट्रैकिंग की व्यवस्था भी जरूरत के हिसाब से की जाएगी।
मौजूदा वित्त वर्ष में रेलवे की कमाई के बारे में यादव ने कहा कि कोरोना की वजह से कई महीने से रेल ट्रैफिक बंद हैं। इससे रेवेन्यू में भारी नुकसान हुआ है। इस साल पैसेंजर रेवेन्यू के केवल 15000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं, पिछले साल ये 53 हजार करोड़ रुपये था।
वीके यादव के अनुसार खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य सामानों की लोडिंग में अब वृद्धि के साथ नवंबर में हुए 110 मिलियन टन की तुलना में दिसंबर में मालढुलाई 120 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।
हालांकि, यात्री ट्रेनों की सेवाओं के पुरानी स्थिति में लौटने में अभी समय लगेगा। फिलहाल भारतीय रेलवे कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पहले चलाए जा रहे 1,768 ट्रेनों की तुलना में 1,089 यात्री ट्रेनें ही चला रहा है।

