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स्टीफन हॉकिंग को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय डाक ने जारी किया विशेष टिकट

By स्वाति सिंह | Updated: March 21, 2018 10:57 IST

प्रोफेसर स्टीफ़न हॉकिंग का निधन 14 मार्च को हुआ था। भारतीय डाक विभाग जीपीओ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र और गोवा क्षेत्र के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल एच सी अग्रवाल और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के निदेशक ने संयुक्त रूप से कवर जारी किया।

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मुंबई, 21 मार्च: भारतीय डाक विभाग ने मंगलवार (20 मार्च) को दुनिया ने जाने माने भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग को श्रद्धांजलि देते हुए एक डाक डिकट जारी किया। स्टीफन हॉकिंग मशहूर खगोलविगानी और भौतिक विज्ञानी थे। उनका 14 मार्च को निधन हुआ। भारतीय डाक विभाग जीपीओ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र और गोवा क्षेत्र के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल एच सी अग्रवाल और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के निदेशक ने संयुक्त रूप से कवर जारी किया।

जानिए, दुनिया को अलविदा कहने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की कहानी

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था। जन्म के वक्त स्टीफन स्वास्थ्य और सामान्य थे। स्टीफन जब 21 साल के हुए तब उन्हें पता चला कि उनको मोटर न्यूरॉन (एमएनडी) नाम की बीमारी है जिसके चलते वह वह बस कुछ महीने ही ज़िंदा रह सकते हैं। इस बीमारी में उनके शरीर की नसों पर लगातार हमला होता रहता है। मेडिकल रिपोर्ट की माने तो इस बीमारी के होने के बाद सिर्फ पांच प्रतिशत लोग ही ऐसे होते हैं जो दस से ज्यादा जिन्दा रह पाते है। इस बीमारी में केवल आदमी का दिमाग ठीक रहता है बाकि शारीर से जुडी तंत्रिकाए काम कर देना बंद कर देते है। 

महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 वर्ष की आयु में निधन, परिजनों ने जारी किया भावुक संदेश

1974 स्टीफन को डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। इसके बाद 1974 में ही ब्लैक हॉल्स पर असाधारण रिसर्च करके उन्होंने दुनिया को एक नई थ्योरी दी। इसके बाद वह साइंस की दुनिया के सेलेब्रेटी बन गए। हॉकिन्स ने अपनी रिसर्च बताया था कि यह दुनिया ईश्वर ने नहीं बनाई है बल्कि यह तो भौतिक विज्ञान के नियमों का नतीजा है। स्टीफन अपनी किताब 'ग्रांड डिजाइन' में कहा कि गुरुत्वाकर्षण जैसे कई नियम हैं और ब्राह्मांड कुछ नहीं से भी खुद को बना सकता है। ब्रह्मांड एक स्फूर्त सृजन का नतीजा है। हॉकिन्स ने यह अनुमान भी लगाया था कि ग्लोबल वार्मिंग और नए वायरसों के कारण संपूर्ण मानवता नष्ट हो सकती है।

76 वर्ष की उम्र में स्टीफन हॉकिन्स का निधन, जाते-जाते दे गए ऐसे विचार जिन्होंने सोचने का नजरिया बदल दिया

स्टीफन हॉकिंग की पीएचडी थीसिस को लाखों बार देखा गया है। स्टीफन हॉकिंग ने 'ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ टाइम' नाम की किताब पर 2014 में ' द थ्योरी ऑफ एवरीथींग' फिल्म बनी थी जिसे ऑस्कर मिला था।

राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने स्टीफन हॉकिंग्स के निधन पर जताया शोक

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