समुद्री सुरक्षा के लिए अपनी ताकत बढ़ाने की ओर भारतीय नौसेना, अमेरिकी ड्रोनों की संख्या में करना चाहती है इजाफा

By अंजली चौहान | Published: May 25, 2023 12:11 PM2023-05-25T12:11:33+5:302023-05-25T12:14:55+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान सशस्त्र ड्रोन का अधिग्रहण, हाई-टेक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और इंडो-पैसिफिक जैसे विषयों पर अहम चर्चा की जाएगी।

Indian Navy wants to increase the number of US Sea Guardian drones to increase its strength for maritime security | समुद्री सुरक्षा के लिए अपनी ताकत बढ़ाने की ओर भारतीय नौसेना, अमेरिकी ड्रोनों की संख्या में करना चाहती है इजाफा

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Highlights चीन के खिलाफ नौसेना की ताकत को बढ़ाना चाहता है भारत भारतीय नौसेना अपने साथ अमेरिकी ड्रोन की संख्या में इजाफा करना चाहती है भारतीय नौसेना यूएस सी गार्जियन ड्रोन की संख्या बढ़ाना चाहती है

नई दिल्ली: समुद्री सुरक्षा में तैनात भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत हथियारों के जरिए बढ़ाने के लिए कार्यरत है। हिंद-प्रशांत में समुद्री डोमेन जागरूकता पर क्वाड राष्ट्रों के हाथ मिलाने के साथ, भारत ने अमेरिका से सशस्त्र ड्रोन को शामिल करने में तेजी लाने की योजना बनाई है।

भारतीय नौसेना के दो जनरल एटॉमिक्स निर्मित सी गार्जियन सर्विलांस ड्रोन के पट्टे का विस्तार करने की दिशा में काम कर रही है। भारतीय नौसेना अपने निगरानी संस्करण, सी गार्जियन के आउटपुट से संतुष्ट है, क्योंकि उनमें से दो को समुद्री डोमेन के लिए 2020 में पट्टे पर दिया गया था।

ड्रोन के सफलता को देखते हुए सी गार्डियंस अफ्रीका के पूर्वी बोर्ड और अदन की खाड़ी से लेकर इंडोनेशिया और उसके आगे सुंडा जलडमरूमध्य तक वास्तविक समय डोमेन जागरूकता प्रदान करते हैं।

पूर्वी लद्दाख में पीएलए द्वारा मई 2020 की आक्रामकता के बाद एलएसी के साथ चीनी बिल्ड-अप का सर्वेक्षण करने के लिए लीज पर लिए गए ड्रोन का भी उपयोग किया गया था।

अमेरिकी ड्रोन को भारतीय नौसेना में शामिल करना हाई टेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और इंडो-पैसिफिक चर्चा के विषयों में से एक है। 

गौरतलब है कि 22 मई को आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने हिंद महासागर, दक्षिण में क्षेत्रीय संलयन केंद्रों के साथ मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPDMA) के लिए इंडो-पैसिफिक साझेदारी पर हाथ मिलाने का फैसला किया था।

इसका उद्देश्य समुद्र में अवैध रूप से मछली पकड़ना और मानवीय और प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करना है। इसके अलावा सबसे महत्पूर्ण है चीन और उसके सहयोग देशों की समुद्री गतिविधियों पर निगरानी रखना।

साल 2017 के बाद से अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना के विस्तार के साथ क्वाड देशों में अपनी जहाज निर्माण गतिविधि को तेज कर दिया है।

दरअसल, चीन ने अपने सहयोगी देशों पाकिस्तान के अलावा कंबोडिया, म्यांमार, ईरान और अफ्रीका के पूर्वी समुद्री तट पर देशों के साथ अपने संबंधों का लाभ उठाया है।

जानकारी के अनुसार, चीनी नौसेना 2025 की शुरुआत में हिंद महासागर में लंबी दूरी की गश्त भेज देगी। सशस्त्र ड्रोन इनमें से एक हैं।

ऐसे में  चीनी चुनौती का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने की ओर कार्यरत है और कई हथियारों को अपने साथ शामिल कपना चाहती है। 

Web Title: Indian Navy wants to increase the number of US Sea Guardian drones to increase its strength for maritime security

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