Coronavirus: थाली-ताली बजाने के बाद अब डॉक्टरों संग देश में भेदभाव! मकान मालिक खाली करवा रहे घर

By मनाली रस्तोगी | Updated: March 25, 2020 10:20 IST2020-03-25T10:20:04+5:302020-03-25T10:20:49+5:30

पूरे देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के साथ भेदभाव हो रहा है। उनके मकान मालिक उनसे घर खाली करवा रहे हैं।

Indian doctors and nurses face coronavirus stigma in their neighborhood | Coronavirus: थाली-ताली बजाने के बाद अब डॉक्टरों संग देश में भेदभाव! मकान मालिक खाली करवा रहे घर

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को घरों से निकाल रहे मकान मालिक!

Highlightsकोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को घरों से निकाल रहे मकान मालिक।डॉक्टरों को नहीं मिल रहा राशन और जरूरी सामान।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इन मरीजों की तीमारदारी करने में डॉक्टर्स और नर्स लगे हुए हैं। मगर इन्हीं डॉक्टर्स का अब कहना है कि उनके साथ सामाजिक दुर्व्यवहार किया जा रहा है। दरअसल देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को उनके मकान मालिकों ने घरों को खाली करने को कह दिया है। 

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता की रहने वाली 30 वर्षीय को उसके मकान मालिक ने घर खाली करने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो महिला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज (एनआईसीईडी) की उस टीम का हिस्सा है, जोकि कोरोना वायरस के नमूनों का जांच करती है। हालांकि, जब एनआईसीईडी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया, तब उसके मकान मालिक ने उसे घर में रहने की इजाजत दी।

वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच डॉक्टर्स और नर्सों के साथ इस तरह का सलूक किया जा रहा हो। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) लगातार कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ जी-जान से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और सरकारी कर्मचारियों की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं जनता उनका सम्मान करने के बजाए उन्हें प्रताड़ित कर रही है।

डॉक्टरों और सरकारी कर्मचारियों का हाल तो अब ऐसा है कि न ही उन्हें सही से राशन मिल रहा है और न ही उन्हें जनता द्वारा सम्मान मिल रहा है। इसके अलावा दिल्ली, जयपुर और कोलकाता सहित पूरे देश से ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जहां डॉक्टरों के मकान मालिकों ने उन्हें घर छोड़ने के लिए कह दिया है।

ऐसी स्थिति में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी परेशानी बताते हुए कहा था कि वो लोग कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उन्हीं के साथ देश में भेदभाव हो रहा है। उन्ह्से किराये के मकान खाली करवाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर मकान मालिक डॉक्टर्स को घर खाली करने की धमकी दे रहे हैं। डॉक्टर्स ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई और आने-जाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध करने का अनुरोध किया था।

डॉक्टर्स की यह स्थिति जानकर गृहमंत्री अमित शाह ने एम्स रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन के मुख्य सचिव डॉ एस राजकुमार से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि डॉक्टर्स की इस स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है। यही नहीं, शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी बात की और कहा कि डॉक्टरों व नर्सों को तंग करने वाले मकान मालिकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

वहीं, जब स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को डॉक्टरों की ये स्थिति पता चली तब उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं दिल्ली, नोएडा, वारंगल, गुजरात में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को परेशान किए जाने को लेकर परेशान हूं। मैं कहना चाहता हूं कि डॉक्टर सारे सुरक्षा मानक अपना रहे हैं। घबराओ मत।' 

वैसे डॉक्टरों के साथ दिल्ली के अलावा और भी कई जगहों पर बुरा बर्ताव किया जा रहा है। इस मामले से गुजरात के डॉक्टर देवाशीष भी काफी परेशान हैं। उन्होंने भी ट्वीट कर एक ग्रुप का स्क्रीनशॉट साझा किया है, जहां हर एक डॉक्टर यह बताता हुआ नजर आ रहा है कि उनकी सोसायटी के प्रेसिडेंट उन्हें मकान खाली करने के लिए हिट लिस्ट में डाल दिया है क्योंकि वो डॉक्टर्स सिविल हॉस्पिटल में काम करते हैं।  

इस मामले से लखनऊ के राजाजीपुरम में डॉक्टर उमेशचंद भी काफी प्रताड़ित हैं। उनका कहना है कि उन्हें कुछ लोग घर आकर धमका रहे कि उन्हें क्लीनिक नहीं जाना चाहिए। यही नहीं, उनके तो साथियों को भी धमकियां मिल रही हैं।

Web Title: Indian doctors and nurses face coronavirus stigma in their neighborhood

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