अगले वर्ष जुलाई तक भारत को मिलेंगे 50 करोड़ टीके, 25 करोड़ लोगों को लगेगी वैक्सीन
By हरीश गुप्ता | Published: October 5, 2020 07:00 AM2020-10-05T07:00:32+5:302020-10-05T11:15:45+5:30
केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर मानव संसाधन तैयार करने, प्रशिक्षण, निगरानी और अन्य चीजों के लिए काम कर रही है. टीके को लेकर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है.
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनने वाले टीके के लंबे खिंचते इंतजार के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज कहा कि सरकार अगले वर्ष जुलाई तक टीके की 40-50 करोड़ खुराक हासिल कर लेगी और 20-25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाएगा. सोशल मीडिया पर आयोजित एक चर्चा के दौरान हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के लिए अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे.
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति को दो टीके दिए जाने की आवश्यकता होगी. इसके चलते भारत को 50 करोड़ टीकों की जरूरत होगी. भारत ने 'भारत बायोटेक ' के अलावा अब तक किसी भी अन्य वैक्सीन निर्माता के साथ टीके की आपूर्ति को लेकर कोई समझौता नहीं किया है. उधर, कई पश्चिमी देशों ने वैक्सीन की खोज और इसका निर्माण कर रही कंपनियों के साथ करोड़ों डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने नहीं लिया किसी टीके का नाम
हालांकि ,चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने न तो किसी टीके का नाम लिया और न ही उसके स्रोत या कीमत की जानकारी दी. उनका यह बयान सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को अपनी जनता को टीका देने के लिए 80000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी. हर्षवर्धन ने कहा कि टीके के लिए प्राथमिकता वाले आबादी समूह की सूची अक्तूबर के अंत तक राज्यों से प्राप्त करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय एक प्रारूप तैयार कर रहा है.
केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर मानव संसाधन तैयार करने, प्रशिक्षण, निगरानी और अन्य चीजों के लिए काम कर रही है. टीके को लेकर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है. राज्यों को इस बारे में दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे शीतलन शृंखला (कोल्ड चेन) भंडारण सुविधाओं और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे के बारे में ब्यौरा सौंपें, जो प्रखंड स्तर पर जरूरी होंगे.
दुनिया में 7 टीके परीक्षण के तीसरे चरण में
मंत्री ने कहा, ''टीके की खरीद केंद्रीकृत रूप से की जाएगी. हर खेप को पहुंचाए जाने तक कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि यह सर्वाधिक जरूरतमंद तक पहुंच सके.'' सरकार इन योजनाओं को अंतिम रूप देते समय कोविड-19 महामारी से संबद्ध प्रतिरक्षा आंकड़ों पर भी नजर रखेगी.
असमंजस कायम फिलहाल पूरी दुनिया में 7 टीके परीक्षण के तीसरे चरण में हैं और इस बात को लेकर असमंजस कायम है कि आखिर कौन-सा टीका सबसे पहले आएगा. सूत्रों के मुताबिक, भारत को मुख्यत: विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन के लिए बने वैश्विक गठबंधन (गावी) पर निर्भर रहना पड़ सकता है. भारत इस गठबंधन का हिस्सा है और इसके तहत 'कोवैक्सीन' हासिल करेगा.
नहीं होगी कालाबाजारी
अधिकतम टीके भारत को उच्चस्तरीय समिति विभिन्न टीकों के देश में उपलब्ध होने की समयसीमा को समझने पर काम रही है. हर्षवर्धन ने कहा कि टीका विनिर्माताओं से यह प्रतिबद्धता ली जा रही है कि वे अधिकतम संख्या में इसकी खुराक भारत को उपलब्ध कराएं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि टीके की कोई कालाबाजारी नहीं होगी. उन्होंने कहा, ''टीका पूर्व निर्धारित प्राथमिकता के आधार पर वितरित किया जाएगा. पारदर्शिता, जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया का ब्यौरा आने वाले महीनों में साझा किया जाएगा.''