भारत और पाकिस्तान बुधवार को भारतीय श्रद्धालुओं के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक वीजा मुक्त यात्रा पर सहमत हो गए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु सिखों के पवित्र धर्मस्थल की यात्रा करेंगे।
बहरहाल, करतारपुर गुरुद्वारा की यात्रा के लिए श्रद्धालुओं पर सेवा शुल्क लगाने के पाकिस्तान के दबाव और परिसर में भारतीय वाणिज्य दूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों की मौजूदगी पर अभी कोई समझौता नहीं हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि करतारपुर कोरीडोर के संचालन के तौर-तरीके पर अटारी सीमा पर तीसरे दौर की वार्ता में यह समझौता हुआ। इस कोरीडोर से करतारपुर में दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाब नानक एक- दूसरे से जुड़ जाएंगे और इससे भारतीय तीर्थयात्री वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे।
सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत लगभग सफल रही।
अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बिना वीजा और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के यात्रा करने पर राजी हुए। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान इसपर सहमत हुए कि गलियारे के माध्यम से प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में भारतीय महावाणिज्यदूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों को आने की अनुमति देने पर पाकिस्तान ने अनिच्छा दिखाई है। वहीं एक सूत्र ने बताया कि करतारपुर गलियारा सालभर सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा।
अधिकारी ने बताया कि भारत ने गुरुद्वारा करताापुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वूसल करने पर पाकिस्तान से असहमति जतायी है। अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं सार्क के महानिदेशक और मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आने से पहले वाघा सीमा पर पत्रकारों से कहा था कि पाकिस्तान तीसरे दौर की बातचीत के परिणाम को लेकर सकारात्मक है। भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद यह बैठक हुई।