नयी दिल्ली, 25 मई भारत और न्यूजीलैंड ने मंगलवार को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की तथा रक्षा एवं सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया।
विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में बताया कि ‘भारत-न्यूजीलैंड विदेश कार्यालय विमर्श (फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन्स)’ के तहत ऑनलाइन बैठक हुई जिसमें दोनों पक्षों ने कोरोना वायरस महामारी को विश्वभर में काबू करने की खातिर टीकों एवं दवाओं तक पहुंच से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।
उसने बताया कि दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने एवं मुक्त, स्वतंत्र तथा समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए करीबी सहयोग के महत्व को दोहराया।
मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘‘द्विपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा करते हुए दोनों पक्षों ने रक्षा एवं सुरक्षा, कारोबार एवं निवेश, अंतरिक्ष, आतंकवाद निरोध, साइबर सुरक्षा, निरस्त्रीकरण और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध मजबूत करने की खातिर कदम उठाने पर चर्चा की।’’
संबंधों को मजबूत करने का दोनों पक्षों का फैसला ऐसे समय में आया है, जब न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री ननैया महुता ने कहा था कि उनका देश चीन के आक्रोश के निशाने पर आ सकता है। उनका इशारा पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के बीजिंग के साथ व्यापार विवाद की ओर था।
चीन, न्यूजीलैंड के दुग्ध उत्पादों का बड़ा बाजार है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने बहुपक्षीय तथा क्षेत्रीय मंचों पर समन्वय मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श किया।
तीसरे फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन्स में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) रीवा गांगुली दास ने की। न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों एवं कारोबार मंत्रालय में अमेरिकाज एंड एशिया ग्रुप में अधिकारी मार्क सिनक्लेयर ने की।
इससे पहले दौर का विमर्श नयी दिल्ली में पांच फरवरी, 2019 को हुआ था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।