अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण और डीआरडीओ और टाटा ने मिलकर तैयार किया व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म, जानिए खासियत
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 25, 2025 12:07 IST2025-09-25T11:02:23+5:302025-09-25T12:07:22+5:30
अगली पीढ़ी की यह मिसाइल 2,000 किलोमीटर तक की दूरी तक मार करने के लिए तैयार की गई है।

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नई दिल्लीः भारत ने आज दो बड़े कारनामे किए। रक्षा तकनीक में कमाल का काम हुआ। टाटा और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिलकर कामयाबी हासिल की है। डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (व्हीएपी) व्हीएपी 8X8 विकसित किया है। भारत ने रेल आधारित मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली से 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिससे देशभर में इस मिसाइल को तैनात करने की इसकी क्षमता प्रदर्शित हुई है।
India launches Agni-Prime Missile from rail-based mobile launcher system: Rajnath Singh
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#WATCH | DRDO tweets, "Wheeled Armoured Platform (WhAP) WhAP 8X8 designed by DRDO and developed by Tata Advanced Systems, ready to take Indian defence innovation to the global stage" pic.twitter.com/XYQkVh1LrG— ANI (@ANI) September 25, 2025
अगली पीढ़ी की मिसाइल के परीक्षण के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि इससे भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल प्रक्षेपण करने की क्षमता है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सामरिक बल कमान (एसएफसी) के सहयोग से बुधवार को मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का ‘‘सफल’’ प्रक्षेपण किया। इसने हथियार प्रणाली के प्रक्षेपण के स्थान का खुलासा नहीं किया है।
India's indigenous wheeled-APC "WhAP" to take nation's defence innovation to global stage: DRDO after Tata's defence manufacturing facility opens in Morocco
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सिंह ने कहा कि विशेष रूप से तैयार रेल-आधारित मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली से किया गया यह अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण है। उन्होंने कहा कि इसमें रेल नेटवर्क पर चलने की क्षमता है, जिससे उपयोगकर्ता समूचे देश में कहीं भी बेहद कम समय में कम दृश्यता में भी प्रतिक्रिया करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘इस सफल उड़ान परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास रेल नेटवर्क से प्रक्षेपण प्रणाली विकसित करने की क्षमता है।’’ मंत्रालय ने कहा कि अग्नि-प्राइम मिसाइल अत्याधुनिक संचार प्रणालियों और सुरक्षा तंत्रों समेत सभी प्रक्षेपण क्षमता सुविधाओं से लैस है।
इस प्रक्षेपण के समय डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सामरिक बल कमान के अधिकारी मौजूद थे। अग्नि-प्राइम के ‘‘रोड मोबाइल’’ संस्करण को सफल उड़ान परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। मिसाइल का परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के साढ़े चार महीने बाद हुआ है।