औपनिवेशिक युग के कानूनों, उनकी व्याख्या के चलते भारत 70 वर्षों तक प्रभावित हुआ है : न्यायाधीश

By भाषा | Updated: September 26, 2021 21:51 IST2021-09-26T21:51:51+5:302021-09-26T21:51:51+5:30

India has been affected for 70 years by colonial era laws, their interpretation: Judge | औपनिवेशिक युग के कानूनों, उनकी व्याख्या के चलते भारत 70 वर्षों तक प्रभावित हुआ है : न्यायाधीश

औपनिवेशिक युग के कानूनों, उनकी व्याख्या के चलते भारत 70 वर्षों तक प्रभावित हुआ है : न्यायाधीश

नयी दिल्ली, 26 सितंबर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पी एस नरसिम्हा ने रविवार को कहा कि भारत को औपनिवेशिक युग के कानूनों और उनकी व्याख्या के कारण 70 साल से अधिक समय तक प्रभावित होना पड़ा है और कानूनों का वि-उपनिवेशीकरण न्यायाधीशों के लिए एक संवैधानिक मिशन है।

न्यायमूर्ति नरसिम्हा 2027 में भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना से पदभार ग्रहण करना उनके लिए एक बड़ा सम्मान होगा। न्यायमूर्ति नागरत्ना भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं।

उच्चतम न्यायालय की महिला अधिवक्ताओं द्वारा तीन महिला न्यायाधीशों सहित शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के सम्मान के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक समाचार रिपोर्ट पढ़ी है कि सीजेआई एन वी रमण ने कहीं कहा है कि भारतीय न्यायिक प्रणाली उपनिवेशवाद से प्रभावित।

उन्होंने कहा, ‘‘तभी मुझे लगा कि वि-उपनिवेशीकरण वास्तव में हमारे लिए एक संवैधानिक मिशन है और मैं तुरंत स्वयं को उस दृष्टिकोण से जोड़ सकता हूं जिसका उल्लेख सीजेआई ने किया है। बड़ी संख्या में कानून, बड़ी संख्या में व्याख्याओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है, जिनसे हम 70 वर्षों से अधिक समय तक प्रभावित हुए हैं और मुझे यकीन है कि यह हमें एक नए परिप्रेक्ष्य में ले जाएगा।’’

न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रमण ने 24 अप्रैल को कार्यभार संभालने के बाद से कई मुद्दों को उठाया है और जिस तरह से उन्होंने उन्हें लागू किया वह असाधारण है और इसका प्रभाव सभी को दिखाई देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘नौ न्यायाधीशों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और मैं शीर्ष अदालत के लिए सोमवार की वाद सूची देख रहा था, यह आश्चर्यजनक है क्योंकि 17 अदालतें हैं, जो काम कर रही हैं। अविश्वसनीय!..।’’

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में 31 अगस्त को शपथ लेने से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता रहे न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘हर दिन, मैं एक न्यायाधीश के रूप में सोने जाता हूं और एक वकील के रूप में उठता हूं और मैं सोचने लगता हूं कि मुझे सुबह सबसे पहले किस अदालत में जाना होगा और मैं अचानक सोचता हूं कि मैं कहां हूं।’’

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के 31 अगस्त को शपथ ग्रहण के साथ ही शीर्ष अदालत में अब चार महिला न्यायाधीश हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: India has been affected for 70 years by colonial era laws, their interpretation: Judge

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे