पटनाः इंडिया गठबंधन के नेताओं ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर पटना सहित पूरे राज्य में आक्रोश मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में राजद, कांग्रेस, वामदल और वीआईपी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और नीतीश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। पटना में नेता और कार्यकर्ता राजद कार्यालय, वीरचंद पटेल पथ से मार्च शुरू करते हुए आगे बढ़े। लेकिन आयकर चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका। जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पुलिस के द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए वो आगे डाकबंगला चौराहा के लिए निकल गए।
प्रतिरोध मार्च को डाक बंगला चौराहा पर पटना जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया और बाद स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इंडिया गठबंधन के 12 सदस्यीय नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचा। जहां प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को राज्यपाल को संबोधित स्मार-पत्र को सौंपा।
इस अवसर पर नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस के माध्यम से रोकने का कार्य करती है, क्योंकि विपक्षी दल जब सच और सच्चाई से आम-अवाम को अवगत कराते हैं तो सरकार उसे रोकने के लिए ऐसा कार्य करती है जबकि अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई करने में पूरी तरह से सरकार पूरी तरह से असमर्थ दिख रही है और ऐसा लग रहा है कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और अपराध और अपराधी जब चाहते हैं जैसे चाहते हैं अपराध करके निकल जाते हैं।
जिस दिन से इंडिया गठबंधन ने बिहार में प्रतिरोध मार्च का निर्णय लिया था, उसके बाद ही सरकार सिर्फ आई वास के लिए समीक्षा बैठक के नाम पर आमजनो को दिग्भ्रमित करने का कार्य कर रही है, जबकि सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। वहीं, वीआईपी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग करते दिखे।