Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव यादव उम्मीदवारों के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में राजद ने अपने पाले के 143 सीटों में से 50 सीटों पर यादव उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 18 मुस्लिम उम्मीदवारों के सहारे माय समीकरण को दुरूस्त करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही महागठबंधन में सबसे अधिक 67 यादव उम्मीदवार हैं, जबकि 30 मुस्लिमों को भी टिकट दिया गया है। 30 कुर्मी-कुशवाहा तो 33 ईबीसी को उम्मीदवार बनाया गया है। दलित और सवर्ण वर्ग से 41-41 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। 13 वैश्य को भी महागठबंधन ने चुनावी मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने एक तिहाई से अधिक सवर्णों को उम्मीदवार बनाया है। वीआईपी ने अति पिछड़ों पर अधिक भरोसा किया है। वामदल में सबसे अधिक दलित और यादव उम्मीदवार हैं। सत्ताधारी दल के वोट में सेंध लगाने के लिए राजद ने 18 कुर्मी और कुशवाहा को भी उम्मीदवार बनाया है। आठ वैश्य तो 14 सवर्ण उम्मीदवार बनाए गए हैं। सवर्ण में छह भूमिहार, पांच राजपूत और तीन ब्राह्मण हैं। 19 दलितों को भी राजद ने उतारा है। ये सभी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार 2020 के चुनाव में राजद ने 144 में से 58 यादवों को उम्मीदवार बनाया था, जबकि अति पिछड़ा से 23, मुस्लिम से 18 और सवर्ण वर्ग से 13 उम्मीदवार बनाए थे।
महागठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने उम्मीदवारों के चयन में कोर वोट बैंक का पूरा ख्याल रखा है। सभी घटक दलों को मिलाकर देखें तो गठबंधन में पिछड़ा-अति पिछड़ा को अधिक भागीदारी मिली है। कुल 255 उम्मीदवारों में 56 फीसदी उम्मीदवार पिछड़े हैं। इनमें भी एमवाई (मुस्लिम-यादव) की संख्या अधिक है। 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस के एक तिहाई से अधिक उम्मीदवार सवर्ण वर्ग से हैं।
इनमें भूमिहार आठ, राजपूत पांच, ब्राह्मण सात और एक कायस्थ हैं। पार्टी ने 10 मुस्लिमों को भी टिकट दिया है। पांच यादव, चार कुर्मी-कुशवाहा, छह ईबीसी, तीन वैश्य तो 12 दलित चुनावी मैदान में हैं। वामदल 33 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इनमें सबसे अधिक दलित और यादव नौ-नौ उम्मीदवार हैं। इसके साथ ही सात कुर्मी और कुशवाहा तो एक ईबीसी को टिकट मिला है। दो वैश्य और तीन सवर्णों को टिकट मिला है। वहीं 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही वीआईपी ने अतिपिछड़ों को अधिक भरोसा किया है। आठ उम्मीदवार ईबीसी हैं। वीआईपी से तीन यादव, एक कुर्मी, एक कुशवाहा, दो सवर्ण तो एक दलित भी चुनावी मैदान में हैं।
इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी (आईआईपी) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसके दो उम्मीदवार ईबीसी तो एक सवर्ण हैं। इस तरह से महागठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने उम्मीदवारों के चयन में कोर वोट बैंक का पूरा ख्याल रखा है। कुल 255 उम्मीदवारों में 56 फीसदी उम्मीदवार पिछड़े हैं। इनमें भी एमवाई (मुस्लिम-यादव) की संख्या अधिक है।