सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब बेटियों के लिए भी खुले होंगे, लाल किले से पीएम नरेंद्र मोदी का ऐलान
By विनीत कुमार | Updated: August 15, 2021 10:10 IST2021-08-15T10:03:26+5:302021-08-15T10:10:02+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त पर लाल किले से भाषण में कहा कि अब सैनिक स्कूलों देश की बेटियों के लिए भी खुले होंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें लाखों बेटियों के लिए इस संबंध में संदेश आते थे।

सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब बेटियों के लिए भी खुले होंगे (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर रविवार को ऐलान किया कि देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब लड़कियों के लिए भी खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में कहा कि देश भर की लाखों बेटियों की ओर से उन्हें इस संबंध में संदेश मिल रहे थे।
पीएम ने कहा ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे।’
बता दें कि सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है। सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था। देश में इस समय 33 सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह देश के लिए गर्व की बात है चाहे वह शिक्षा हो या खेल, बोर्ड परिणाम या ओलंपिक पदक, हमारी बेटियां आज शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्थान लेने के लिए उत्सुक हैं।"
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही कहा कि सरकार गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बनाये उत्पादों के लिए एक ई-वाणिज्य मंच विकसित करेगी। पीएम ने कहा कि सरकार ने उन जिलों की आकांक्षाओं को भी जागृत किया है, जिनके बारे में माना जाता था कि वे विकास यात्रा में पीछे रह गए थे।
महिला स्वयं सहायता समूहों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में आठ करोड़ से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं इन समूहों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा, 'ये महिलाएं विभिन्न उत्पादन बनाती हैं और अब सरकार उनके उत्पादों के लिए ई-वाणिज्य मंच तैयार करेगी ताकि वे देश-विदेश के बड़े बाजारों में पहुंच सकें।'
(भाषा इनपुट)