Independence Day 2025: भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा-पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 14, 2025 19:47 IST2025-08-14T19:34:33+5:302025-08-14T19:47:48+5:30
Independence Day 2025 LIVE: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया।

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नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में होने और निर्यात बढ़ने के साथ, सभी प्रमुख संकेतक भारतीय अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में दिखा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 127 वीरता पुरस्कारों और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों के कर्मियों को चार कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र और 16 शौर्य चक्र देने की मंजूरी दी। भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
#WATCH | President Droupadi Murmu says, "Our Constitution mentions four values as the four pillars upholding our democracy. They are - justice, liberty, equality and fraternity. These are our civilisational principles that we rediscovered during the Freedom Struggle. I believe… pic.twitter.com/g1yua6rbys
— ANI (@ANI) August 14, 2025
President Droupadi Murmu says, "As we look back on the past, we must never forget the pain inflicted by the partition of the country. Today, we observed Partition Horrors Remembrance Day. Terrible violence was witnessed due to partition, and lakhs of people were forced to… pic.twitter.com/Q8EpJuReQb— ANI (@ANI) August 14, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "अतीत पर दृष्टिपात करते हुए हमें देश के विभाजन से हुए पीड़ा को नहीं भूलना चाहिए, आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया गया, हम इतिहास के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं..."
President Droupadi Murmu says, "After regaining our freedom, we marched on the path of such democracy where every adult received the right to exercise franchise. In other words, we, the people of India, gave ourselves the right to shape our own destiny...Despite the challenges,… pic.twitter.com/yVUWDk3iY7
— ANI (@ANI) August 14, 2025
President Droupadi Murmu says, "I extend my heartiest greetings to all of you on the eve of Independence Day. It is a matter of pride for all of us that Independence Day and Republic Day are celebrated by every Indian with great enthusiasm. These are days that especially remind… pic.twitter.com/x1YkqIZB6k— ANI (@ANI) August 14, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "अपनी आज़ादी वापस पाने के बाद, हम ऐसे लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़े जहां हर वयस्क को मताधिकार प्राप्त हुआ। दूसरे शब्दों में, हम भारत के लोगों ने, अपने भाग्य को आकार देने का अधिकार खुद को दिया... चुनौतियों के बावजूद, भारत के लोगों ने लोकतंत्र को सफलतापूर्वक अपनाया... हमारे लिए, हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सबसे ऊपर है।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस सभी भारतीय उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं।
यह दिवस हमें भारतीय होने के गौरव का विशेष स्मरण करवाता है। 15 अगस्त की तारीख, हमारी सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित है। औपनिवेशिक शासन की लंबी अवधि के दौरान अनेक पीढ़ियों ने ये सपना देखा था कि एक दिन देश स्वाधीन होगा।
देश के हर हिस्से में रहने वाले पुरुष और महिलाएं, बूढ़े और जवान विदेशी शासन की बेड़ियों को तोड़ फेंकने के लिए व्याकुल थे... कल जब हम अपने तिरंगे को सलामी दे रहे होंगे तो हम उन सभी स्वाधीनता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे जिनके बलिदान के बल पर 78 साल पहले 15 अगस्त के दिन भारत ने स्वाधीनता हासिल की थी..."
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बृहस्पतिवार को देश एवं सशस्त्र बलों के फौलादी संकल्प की सराहना की और कहा कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि इस सैन्य अभियान से जुड़ी उपलब्धियां स्वाधीन भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात हैं तथा विश्व समुदाय ने भारत की इस नीति का संज्ञान लिया है कि भारत आक्रमणकारी नहीं बनेगा, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में तनिक भी संकोच नहीं करेगा।
मुर्मू ने कहा, ‘‘इस वर्ष, हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा। कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी। इसका जवाब भारत ने फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं।
रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ, हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा।’’ राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया, ‘‘हमारी एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसे बड़ी विशेषता थी।
यही एकता, उन सभी तत्वों के लिए सबसे करारा जवाब भी है जो हमें विभाजित देखना चाहते हैं।’’ उनके अनुसार, भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए, विभिन्न देशों में गए संसद-सदस्यों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में भी हमारी यही एकता दिखाई दी। मुर्मू ने कहा कि विश्व समुदाय ने भारत की इस नीति का संज्ञान लिया है कि हम आक्रमणकारी तो नहीं बनेंगे, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में तनिक भी संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर, प्रतिरक्षा के क्षेत्र में, ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की परीक्षा का भी अवसर था।
अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं। हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवश्यकताओं को पूरा करने में भी आत्मनिर्भर बन गए हैं। ये उपलब्धियां स्वाधीन भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात हैं।’’
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में सात से 10 मई तक पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में देश के विभाजन की विभीषिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश के विभाजन से हुई पीड़ा को कदापि नहीं भूलना चाहिए। आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए। आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’’