भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने से क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी : रूस

By भाषा | Published: November 12, 2020 03:15 PM2020-11-12T15:15:03+5:302020-11-12T15:15:03+5:30

Increased tensions between India and China will increase regional instability: Russia | भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने से क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी : रूस

भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने से क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी : रूस

नयी दिल्ली, 12 नवंबर रूस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक उथलपुथल और अनिश्चतता के बीच अगर भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव और बढ़ता है तो पूरे यूरेशिया क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ेगी और तनातनी का दुरुपयोग अन्य सक्रिय ताकतें अपने भू-राजनीतिक उद्देश्य के लिए कर सकती हैं।

ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में रूस के उप मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि उनका देश स्वाभाविक रूप से एशिया की दो ताकतों के बीच तनाव से चिंतित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘सकारात्मक संवाद’ बहुत महत्वपूर्ण है।

भारत और चीन के शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स का सदस्य होने का संदर्भ देते हुए बाबुश्किन ने कहा कि जब बहुपक्षीय मंच पर सहयोग की बात आती है तो सम्मानजनक संवाद ही प्रमुख हथियार होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि वैश्विक उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसका असर यूरेशिया क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ेगा। हमने देखा है कि इस गतिरोध का दुरुपयोग अन्य सक्रिय ताकतों द्वारा अपने भू-राजनीतिक हित के लिए किया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि हमारे दोनों मित्र एशियाई देशों को और अधिक सकारात्मक संवाद के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। हाल में दोनों पक्षों द्वारा संयम बरतने और तनाव को राजनयिक और सैन्य माध्यमों से बातचीत के जरिये सुलझाने को लेकर प्रतिबद्धता की खबर स्वागत योग्य कदम है।’’

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच गत छह महीने से गतिरोध बना हुआ है और अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।

यूरोशिया भी गत कुछ महीनों से प्राथमिक तौर पर कोविड-19 के मामलों के बढ़ने और नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर आर्मीनिया और आजरबैजान के बीच तनातनी भरे रिश्तों की वजह से उथल-पुथल का सामना कर रहा है।

बाबुश्किन ने कहा, ‘‘रूस की विशेष स्थिति है क्योंकि उसके विशेष रणनीतिक संबंध भारत और चीन दोनों के साथ हैं और स्वतंत्र प्रकृति के हैं। हम स्वभाविक रूप से भारत और चीन के बीच तनाव से चिंतित हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ हालांकि, हमारा मानना है कि आज नहीं तो कल इसका शांतिपूर्ण समाधान हो जाएगा।’’

बाबुश्किन ने कहा, ‘‘दोनों वैश्विक और जिम्मेदार पड़ोसी ताकतें हैं जिनमें आर्थिक और रक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, इसके साथ ही सभ्यतागत समझ है।’’

जब पूछा गया कि क्या एससीओ या ब्रिक्स दोनों सदस्य देशों के बीच तनाव को कम करने में भूमिका निभा सकते हैं तो रूसी राजनयिक ने कहा कि दोनों समूहों ने सकारात्मक संवाद के लिए व्यवस्था विकसित की है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब एससीओ और ब्रिक्स के ढांचे में सहयोग की बात आती है तो निश्चित तौर पर सम्मानजनक संवाद मुख्य हथियार है। दोनों संगठनों ने सहयोग के लिए क्षेत्रवार दर्जनों व्यवस्था विकसित की है और मैं आपको को भरोसा देता हूं कि उनके प्रासंगिक हित बढ़ रहे हैं।’’

अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते संबंधों के बारे में पूछे जाने पर बाबुश्किन ने कहा कि रूस इस संबंध में कोई समस्या नहीं देखता। उन्होंने कहा कि जब बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रतिबद्धता की बात आती है तो नयी दिल्ली के प्रति शंका का कोई कारण नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ नयी दिल्ली वैश्विक ताकत है और उसकी बहुस्तरीय और विविधता युक्त राष्ट्रीय हित हैं जिसका हम सम्मान करते हैं। जब बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रतिबद्धता की बात आती है तो भारत के प्रति शंका का कोई कारण नहीं है।’’

इसके साथ ही रूस के उप मिशन प्रमुख ने अमेरिका की उस धमकी का भी संदर्भ दिया जिसमें उसने भारत को बड़े रक्षा सौदे पर आगे नहीं बढ़ने को कहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की गई और प्रतिबंध और अन्य पाबंदी जैसी अनुचित और गैर कानूनी प्रतिस्पर्धा तरीकों के इस्तेमाल की कोशिश की गई।’’

उल्लेखनीय है कि भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से पांच अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का समझौता किया था, जिसपर ट्रम्प प्रशासन ने धमकी दी थी कि करार पर आगे बढ़ने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

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Web Title: Increased tensions between India and China will increase regional instability: Russia

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