बुंदेलखंड में किसानों ने आंशिक रूप से रेलमार्ग बाधित कर किया प्रदर्शन
By भाषा | Updated: February 18, 2021 22:24 IST2021-02-18T22:24:52+5:302021-02-18T22:24:52+5:30

बुंदेलखंड में किसानों ने आंशिक रूप से रेलमार्ग बाधित कर किया प्रदर्शन
लखनऊ, 18 फरवरी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुंदेलखंड के बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, फतेहपुर के अलावा अमेठी जिले में बृहस्पतिवार को किसानों ने आंशिक रूप से रेलमार्ग बाधित कर नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके साथ ही यह प्रदर्शन प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी हुआ ।
चित्रकूट के अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार, रेलमार्ग बाधित करने की कोशिश कर रहे करीब एक सौ किसानों को हिरासत में लिया गया है।
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि कुछ किसान अल्प समय के लिए रेल पटरी में बैठकर विरोध प्रदर्शन किये और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंप कर चले गए।
वहीं, बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने दावा किया, "करीब डेढ़ सौ किसानों का एक समूह जिला मुख्यालय में दो घंटे तक रेलमार्ग बाधित कर प्रदर्शन किया और तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की मांग की।"
उन्होंने कहा, "इस दौरान रेल पटरी खाली कराने को लेकर पुलिस और किसानों के बीच हल्की नोंक-झोंक भी हुई।"
चित्रकूट जिले के अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार राय ने बताया, "कृषि कानूनों के विरोध में रेलमार्ग बाधित करने की कोशिश कर रहे करीब एक सौ किसानों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन में छोड़ा गया है। यहां किसान रेलमार्ग बाधित नहीं कर पाए।"
इसी प्रकार, महोबा के अपर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार गौतम ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की वजह से किसान किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नहीं सके।
हमीरपुर के अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार ने बताया कि मौदहा और सुमेरपुर कस्बे से रेल लाइन गुजरती है, यहां किसान रेल मार्ग बाधित नहीं कर पाए।
हमीरपुर में कांग्रेस की जिलाध्यक्ष नीलम निषाद ने बताया कि कृषि कानूनों और डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती महंगाई के खिलाफ करीब डेढ़ सौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में गांधी पार्क से लेकर बस स्टैंड तक विरोध प्रदर्शन किया।
ललितपुर जिले में पाली क्षेत्र के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि ललितपुर जिले में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के किसान नेता रंजीत यादव की अगुआई में कुछ किसान धौर्रा गांव में रेल पटरी के पास किसान पंचायत का आयोजन किया और कुछ देर के लिए रेल पटरी पर धरने पर भी बैठे थे।
फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सतपाल अंतिल ने बताया कि जिले में मलवां रेलवे क्रासिंग और कल्यानपुर के कंसपुर रेलवे क्रासिंग के समीप किसानों ने बैठक कर के ज्ञापन दिया है। उन्होंने बताया कि जिले में शांतिपूर्ण ढंग से किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
उधर, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने दावा किया है कि उनकी अगुआई में फतेहपुर जिले में मलवां रेलवे क्रॉसिंग पर किसानों ने आधा-पौन घंटा रेलमार्ग जाम किया, बाद में रेल पटरी के किनारे किसानों ने पंचायत कर कृषि क़ानूनों का विरोध करते हुए केन्द्र सरकार से वापस लेने की मांग की है।
अमेठी से मिली खबर के अनुसार केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसान नेत्री रीता सिह के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने बृहस्पतिवार को अमेठी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह एवं केंद्रीय मंत्री व अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।
रीता सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने हाथ में लाठी, डंडे, हंसिया , कुदाल, लेकर गौरीगंज जिला मुख्यालय की सड़कों से रेलवे स्टेशन तक प्रदर्शन किया। रीता ने कहा कि किसान विरोधी इस सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद ही इस देश का किसान चुप बैठेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को हर कीमत पर तीनों काला कानून वापस लेना ही होगा।
उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर पहुंचे गौरीगंज के उप जिलाधिकारी सुशील कुमार मौर्य को राष्ट्रपति को संबंधित ज्ञापन सौंपा ।
किसान आंदोलन में तेजी लाने के उद्देश्य बृहस्पतिवार को किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जनपद के दनकौर रेलवे स्टेशन पर रेल रोका।
रेल रोकने के दौरान किसान नेताओं ने ट्रेन में सवार यात्रियों को केला, फल, पानी आदि दिया। किसान नेताओं ने ट्रेन के इंजन पर अपना बैनर लगा दिया, तथा काफी देर तक ट्रेन को रोके रखा। किसान नेताओं ने ट्रेन के ड्राइवर को माला पहनाकर उसका स्वागत भी किया।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) लव कुमार ने बताया कि किसान संगठन के रेल रोकने के आह्वान की वजह से पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था किया था। अपर आयुक्त ने बताया कि रेल रोकने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों के साथ ना तो दुर्व्यवहार किया और ना ही सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई।
इस बीच प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर में किसानों ने पुलिस सुरक्षा तोड़कर रेलवे ट्रैक पर जोरदार प्रदर्शन किया।
जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर किसानों से वार्ता
की । किसानों ने विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा । रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर हापुड़ एवं गढ़ मुक्तेश्वर रेलवे स्टेशन पुलिस
छावनी में तब्दील रहा।
दूसरी ओर प्रदेश के आगरा जिले में कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को किसानों का रेल रोको आंदोलन ज्ञापन देने तक सीमित रहा।
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