...जब विरोध प्रदर्शन करने के लिए चीनी दूतावास में भेड़ों का झुंड लेकर पहुंच गए थे अटल बिहारी वाजपेयी

By स्वाति सिंह | Updated: June 16, 2020 16:56 IST2020-06-16T16:08:46+5:302020-06-16T16:56:24+5:30

1965 में चीनी सैनिकों ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने उनकी कुछ भेड़ें जबर्दस्ती अपने कब्जे में ले लीं। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी, जो उस समय सांसद थे, दिल्ली में चीनी दूतावास में भेड़ों का झुंड लेकर ही चले गए।

in 1965 When Atal Bihari Vajpayee exposed China's designs with a flock of sheep | ...जब विरोध प्रदर्शन करने के लिए चीनी दूतावास में भेड़ों का झुंड लेकर पहुंच गए थे अटल बिहारी वाजपेयी

चीन के इन आरोप का विरोध करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जो उस समय सांसद थे।

Highlightsचीनी सैनिकों ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने उनकी कुछ भेड़ें जबर्दस्ती अपने कब्जे में ले लीं। आरोप के विरोध में अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के आगे भेड़ों का एक झुंड उतार दिया था

नई दिल्ली: 1965 के भारत-चीन संघर्ष से जुड़ी एक दिलचस्प घटना भी है। चीनी सैनिकों ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने उनकी कुछ भेड़ें जबर्दस्ती अपने कब्जे में ले लीं। इस आरोप के विरोध में अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के आगे भेड़ों का एक झुंड उतार दिया था। वाजपेयी तब 43 साल के थे और सांसद थे।

दरअसल, दोनों देशों के बीच चिट्ठियों के जरिए हुई बात से पता लगा कि चीन ने भारतीय सैनिकों पर तिब्बत के चरवाहों की 800 भेड़ें और 59 याक चुराने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही चीन ने अपने जानवर भारत से वापस मांगे और ऐसा न करने की स्थिति में परिणाम भुगतने को तैयार रहने तक की धमकी दी थी।

अटल बिहारी वाजपेयी चीनी दूतावास के बाहर भेड़ लेकर पहुंचे थे 

चीन के इन आरोप का विरोध करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जो उस समय सांसद थे। दिल्ली स्थित चीनी दूतावास में भेड़ों की झुंड लेकर चले गए। वहां प्रदर्शनकारियों के हाथ में तख्ते थे, जिसपर लिखा था, 'हमें खा लीजिए, लेकिन दुनिया को बचा लीजिए।'

वाजपेयी के 'भेड़ प्रदर्शन' पर भारत ने लिखा, 'चीन ने 26 सितंबर की चिट्ठी में नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का विरोध किया है। भारत सरकार का इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। यह चीन के अल्टिमेटम के खिलाफ भारतीय नागरिकों द्वारा शांतिपूर्ण और अच्छे मजाकिया तरीके से किया गया प्रदर्शन था।'

चीन ने भारतीय दूतावास को भेजी थी चिट्टी 

वाजपेयी द्वारा किए इस प्रदर्शन के बाद चीन में भारतीय दूतावास को गुस्से से भरी एक चिट्ठी भेजी गई जिसमें शिकायत थी कि यह विरोध प्रदर्शन भारत सरकार द्वारा समर्थित था। साथ ही चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया था कि भारतीय सैनिक चीन के क्षेत्र में घुसे और वहां निर्माण कार्य भी किया।

जवाब देते हुए भारत सरकार ने लिखा, '4 तिब्बतियों के भारतीय सैनिकों द्वारा अपहरण के मामले में 17 और 21 सितंबर को भेजी चिट्ठीयों में जवाब दिया जा चुका है। अन्य तिब्बती शरणार्थियों की तरह ही ये 4 भी अपनी इच्छा से बिना हमारी मंजूरी लिए भारत आए और शरण ली। ये किसी भी समय अपनी मर्जी से तिब्बत वापस जाने के लिए आजाद हैं। 800 भेड़ों और 59 याक के बारे में भी भारत सरकार पहले ही जवाब दे चुकी है। हमें इनके बारे में कुछ नहीं पता।'

Web Title: in 1965 When Atal Bihari Vajpayee exposed China's designs with a flock of sheep

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