नई दिल्ली:बजट 2024 पेश करने के बाद आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के अन्य राज्यों के साथ भेदभाव वाले आरोप पर बोलते हुए कहा कि हर राज्य को शामिल करना असंभव है। हालांकि, इस दौरान संसद हॉल से सारा विपक्ष के सभी नेता उठकर चले गए।
विपक्ष के वॉकआउट के बाद राज्यसभा को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जो कल बजट के बारे में सुना, इसलिए आज उस पर डिबेट करने के साथ विचार रखने के लिए खड़े हुए। मैं सोचती हूं और शायद यह उम्मीद करना थोड़ा ज्यादा है कि लोकतंत्र के सम्मान में कम से कम विपक्ष यहां रुककर मुझे जो जवाब देना है उसे सुनता।''
उन्होंने बजट 2024 के बारे में बताते हुए कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बजट में मैंने दूसरे राज्यों को शामिल नहीं किया और सिर्फ दो राज्यों के बारे में बोला। कांग्रेस सत्ता में बहुत लंबे समय तक रही। उन्होंने कई बजट संसद में पेश किए। इसलिए उन्हें पता है कि बजट में हर राज्य का सम्मिलित करना असंभव है'।
वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र का उदाहरण रखते हुए कहा कि उन्होंने फरवरी में पेश किए अंतरिम बजट में इसका जिक्र नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वधावन में एक बड़ा बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया है। क्या मेरे नाम न बताने से महाराष्ट्र की अनदेखी हो गई? उस प्रोजेक्ट के लिए 76,000 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है।
उसने पूछते हुए कहा, "यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का उल्लेख नहीं, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएं, भारत सरकार के कार्यक्रम, हमें मिलने वाली बाहरी सहायता इन राज्यों को नहीं मिलती है?"। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा लोगों को यह एक जानबूझकर किया गया प्रयास है कि गैर-एनडीए दलों द्वारा शासित राज्यों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।
सीतारमण ने आगे कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती दूंगी कि उन्होंने अपने प्रत्येक बजट भाषण में इस देश के हर राज्य का नाम लिया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"