श्रीनगर, 17 नवंबर माकपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को कहा कि प्राधिकारियों द्वारा गुर्जर-बकरवाल समुदाय के सदस्यों को उनके ढोक (अस्थायी बसेरों) से "अवैध तरीके से हटाना जुल्म है और यह रूकना चाहिए।
जम्मू कश्मीर माकपा के सचिव गुलाम नबी मलिक ने एक बयान में कहा कि यह विडम्बना है कि सदियों से जंगलों की रक्षा कर रहे इन खानाबदोश समुदायों को अवैध तरीके से हटाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई शख्स जमीन पर कब्जा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, भले ही उसका धर्म और राजनीतिक संबंद्धता कुछ भी हो, लेकिन इसके बजाय गरीब खानाबदोशों को उनके ढोक से हटाया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इन खानाबदोश कबीलों का एक बड़ा हिस्सा भूमिहीन और आवासहीन है और जंगल की जमीन पर रहने का उनका हक है। उन्होंने कहा कि वन भूमि का वे सदियों से पारंपरिक निवासियों के रूप में उपयोग और प्रबंधन कर रहे हैं।
मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार वन अधिकार अधिनियम, 2006 का जम्मू कश्मीर में विस्तार करने में विफल रही है जो समुदाय का संरक्षण कर सकता था।
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