किसानों के प्रदर्शन में यदि कोई असामाजिक तत्व है, तो सरकार को उसे पकड़ना चाहिए :बीकेयू नेता

By भाषा | Updated: December 12, 2020 22:39 IST2020-12-12T22:39:06+5:302020-12-12T22:39:06+5:30

If there is any anti-social element in the performance of farmers, then the government should catch it: BKU leader | किसानों के प्रदर्शन में यदि कोई असामाजिक तत्व है, तो सरकार को उसे पकड़ना चाहिए :बीकेयू नेता

किसानों के प्रदर्शन में यदि कोई असामाजिक तत्व है, तो सरकार को उसे पकड़ना चाहिए :बीकेयू नेता

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसान संघ केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी अपने प्रदर्शन में किसी असामाजिक तत्व की मौजूदगी से अवगत नहीं हैं और यदि सरकार को ऐसा लगता है, तो उसे ऐसे तत्वों को पकड़ना चाहिए।

प्रदर्शनकारी किसानों को अपने मंच का दुरूपयोग नहीं होने देने के प्रति सतर्क करने के केंद्र के अनुरोध के एक दिन बाद टिकैत की यह टिप्पणी आई है। केंद्र ने यह भी कहा था कि कुछ असामाजिक और वामपंथी एवं माओवादी तत्व आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।

टिकैत ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश करने का सरकार पर आरोप लगाया।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम अपने आंदोलन में असामाजिक तत्वों की मौजूदगी के बारे में नहीं जानते हैं। सरकार किसानों को भटकाने की कोशिश कर रही है। यह सब कह कर वह हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। और यदि उसे ऐसा लगता है कि हमारे आंदोलन में इस तरह के तत्व हैं तो उन्हें पकड़ना चाहिए। हमनें सरकार को नहीं रोक रखा है। ’’

बृहस्पतिवार को मानवाधिकार दिवस पर, विभिन्न आरोपों के तहत पहले गिरफ्तार किए गए कई कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करने संबंधी पोस्टर पकड़े कुछ प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। ये तस्वीरें टिकरी बार्डर की थी। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि ये असामाजिक तत्व किसानों के वेश में किसान आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।

इससे पहले दिन में, सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने आरोप लगाया कि सरकार ने आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा नहीं होने दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने हमें बांटकर आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया। मैं कहना चाहता हूं कि जारी आंदोलन पूरी तरह 32 किसान संघों के नियंत्रण में है। हम विभाजित करने के सरकार के हर प्रयास को विफल कर देंगे।’’

पन्नू ने कहा, ‘‘अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम तैयार हैं, लेकिन हमारी मुख्य मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की रहेगी। हम उसके बाद ही अपनी अन्य मांगों पर आगे बढ़ेंगे।’’

उन्होंने बताया कि किसान संगठनों के नेता नये कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।

शाहजहांपुर और दिल्ली-गुड़गांव सीमा के बीच दूरी करीब 94 किलोमीटर है।

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