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मोदी सरकार की कार्यशैली से नाराज तीसरे IAS अधिकारी शशिकांत ने भी दिया इस्तीफा, कहा- लोकतंत्र से हो रहा है समझौता

By शीलेष शर्मा | Updated: September 7, 2019 13:00 IST

आईएएस अधिकारी एस.शशिकांत सैनथिल प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने वाले पहले अधिकारी नही है. इसकी शुरुआत कश्मीर से हुई जब शाह फैज़ल ने कश्मीर में हुईं हत्याओं पर अपना रोष व्यक्त करते हुए आईएएस का पद छोड़ा और व्यवस्था से लड़ने के लिए अपना राजनीतिक दल खड़ा कर दिया.

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ठळक मुद्देदूसरे आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथ ने 21 अगस्त को इस्तीफा दिया था। गोपीनाथ और फैज़ल के बाद सैनथिल ने इस्तीफा देकर अब सिलसिले को आगे बढ़ा दिया है.

मोदी सरकार की कार्यशैली और सोच के खिलाफ अवार्ड वापसी की जो चिंगारी शुरु हुई उसकी जद में अब देश की प्रशासनिक सेवाओं में बैठे अधिकारी भी आते नजर आ रहे है. यदि यह सिलसिला जारी रहा तो इसके परिणाम कितने भयावह होगें इसकी परिकल्पना मुश्किल है. कर्नाटक में तैनात डिप्टी कमीश्नर आईएएस अधिकारी एस.शशिकांत सैनथिल ने प्रशासनिक सेवाओं से इस्तीफा दे दिया. सैनथिल का इस्तीफा जिन कारणों से आया वह चौंकाने वाला है. 

उन्होंने खुला पत्र जारी किया यह बताते हुए यह उनका व्यक्तिगत फैसला है लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि सेवा में बने रहना अब उनके लिए अनैतिक हो गया है. क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्यों के मूल्य सिद्धांतो से जब समझौता होने लगे तब इस सेवा में बने रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता.

सैनथिल प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने वाले पहले अधिकारी नही है. इसकी शुरुआत कश्मीर से हुई जब शाह फैज़ल ने कश्मीर में हुईं हत्याओं पर अपना रोष व्यक्त करते हुए आईएएस का पद छोड़ा और व्यवस्था से लड़ने के लिए अपना राजनीतिक दल खड़ा कर दिया.

फैज़ल ने जो सिलसिला शुरु किया उसी कड़ी में एक दूसरे आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथ ने 21 अगस्त को इस आधार पर इस्तीफा दे दिया कि जम्मू कश्मीर में लोगों के मौलिक अधिकारों को छीन लिया गया है इसलिए वे  सेवा में नही रहना चाहते.

गोपीनाथ और फैज़ल के बाद सैनथिल ने इस्तीफा देकर अब सिलसिले को आगे बढ़ा दिया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आईएएस सेवा में बैठे तमाम युवा अधिकारी इन इस्तीफों के बाद चिंतिन कर रहे है कि वर्तमान व्यवस्थाओं में क्या उनके लिए प्रशासनिक सेवाओं में बने रहना प्रासंगिक रह गया है या नही.

इस इस्तीफों पर हालांकि अभी तक राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन कांग्रेस ने सूत्रों का कहना है कि गहन मंथन हो रहा है कि किस रुप में इस्तीफों को लेकर पार्टी अपनी  प्रतिक्रिया व्यक्त  की जाए. 

टॅग्स :कर्नाटक
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