IAC Vikrant: आईएसी विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, जानें इसकी खासियत

By विनीत कुमार | Published: August 25, 2022 02:57 PM2022-08-25T14:57:18+5:302022-08-25T15:00:52+5:30

IAC Vikrant: भारत अब उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है जो 40 हजार टन के वजन से अधिक के विमानवाहक पोत की डिजाइननिंग और निर्माण कर सकते हैं।

IAC Vikrant ready to join Navy, India's first indigenous aircraft carrier, know its specialty | IAC Vikrant: आईएसी विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, जानें इसकी खासियत

आईएसी विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार (फोटो- भारतीय नौसेना)

HighlightsIAC Vikrant का निर्माण पूरी तरह से भारत में किया गया है, अगले महीने नौसेना में होगा शामिल।भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया है जो ऐसे विमानवाहक पोत बना सकते हैं।IAC Vikrant का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था, पोत ने सभी समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं।

नई दिल्ली: भारत का पहला स्वदेशी निर्मित विमानवाहक पोत (आईएसी) ‘विक्रांत’ दो सितंबर को नौसेना में शामिल हो जाएगा। इसकी घोषणा नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने गुरुवार को की। आईएसी ‘विक्रांत’ के शामिल होते ही भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में आ जाएगा जो 40 हजार टन के वजन से अधिक के एयरक्राफ्ट कैरियर की डिजाइननिंग और निर्माण करते हैं। अभी तक ऐसी क्षमता केवल अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस के पास ही है।  

नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा कि स्वदेशी निर्मित विमानवाहक पोत आईएसी ‘विक्रांत’ के सेवा में शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। आईएसी ‘विक्रांत’ को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे।

 

आईएसी 'विक्रांत' में 2200 कम्पार्टपेंट, 1700 हो सकते हैं सवार

भारतीय नौसेना ने बताया है कि कि IAC विक्रांत में कुल 2,200 कम्पार्टमेंट हैं और इसे लगभग 1,700 लोगों के दल के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें महिला अधिकारियों और महिला अग्निवीर नाविकों के लिए भी विशेष केबिन बनाए गए हैं।

वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा कि विमानवाहक पोत को सेवा में शामिल करना 'अविस्मरणीय' दिन होगा क्योंकि यह पोत देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण को लेकर काम कर रही है, तो उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है। 

वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि आईएसी ‘विक्रांत’ को नौसेना में शामिल किया जाना ऐतिहासिक मौका होगा और यह ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक भी होगा, क्योंकि इसके कल-पुरज़े कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं। करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया था। 

भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) से इस विमानवाहक पोत की डिलीवरी ली थी। इसके बाद जब इसने परीक्षणों के सभी चार चरणों को पूरा किया था। इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था।

(भाषा इनपुट)

Web Title: IAC Vikrant ready to join Navy, India's first indigenous aircraft carrier, know its specialty

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