भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने गुरुवार (21 नवंबर) को मथुरा एवं वृंदावन में 'बंदरों के आतंक' का मुद्दा लोकसभा में उठाया। इस बीच उन्होंने कहा कि इस समस्या से लोगों को राहत देने के लिए 'मंकी सफारी' बनाई जानी चाहिए। वहीं, उन्होंने संसद भवन के बाहर कहा कि बंदरों को भी हिफाजत से रखना चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, हेमा मालिनी ने कहा कि हमने बंदरों की सुरक्षा के लिए मंकी सफारी (मथुरा में) की मांग की है। इसके अलावा, जंगलों में फल देने वाले पेड़ होने चाहिए। अधिकतर जंगलों में बबूल के कांटेदार वृक्ष रहते हैं। इसकी वजह से वहां बंदर नहीं रहते हैं। जंगलों में फलदार वृक्षों को लगाने की आवश्यकता है। इस समय बंदर की इंसानों का खाना खा-खाकर आदत खराब हो गई है और वे फल नहीं खाते हैं। उन्हें समोसा और फ्रूटी चाहिए होती है। ये उनके सेहत के लिए खराब है।
उन्होंने कहा कि मथुरा और वृंदावन में रहने वाले लोग बहुत परेशान हैं। बंदर लोगों पर हमले कर रहे हैं। कुछ लोगों की जान भी चली गई है। हेमा ने कहा कि सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए। कोई ‘मंकी सफारी’ बनानी चाहिए ताकि लोग भी सुरक्षित रहें और बंदर भी सुरक्षित रहें।
उनकी बात का समर्थन करते हुए लोजपा के चिराग पासवान ने कहा कि लुटियन जोन में भी बंदरों का आतंक है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने हेमा मालिनी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि वृंदावन में एक बंदर द्वारा अपना चश्मा ले जाने की घटना का उल्लेख किया और कहा कि सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)