हैदराबाद मामलाः संसद में सांसदों ने कहा- दोषियों को मिले सजा-ए-मौत, नायडू बोले-दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक हो

By भाषा | Updated: December 2, 2019 14:37 IST2019-12-02T14:37:19+5:302019-12-02T14:37:19+5:30

सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे। महिलाओं के खिलाफ अपराधों को ‘‘निंदनीय’’ बताते हुए नायडू ने कहा कि हमें कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा।

Hyderabad case: MPs in Parliament said - convicts get punishment-a-death, Naidu said-photos of the convicts should be public | हैदराबाद मामलाः संसद में सांसदों ने कहा- दोषियों को मिले सजा-ए-मौत, नायडू बोले-दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक हो

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें ही एकमात्र समाधान हैं

Highlightsसभापति ने यह भी कहा कि यह अत्यंत निर्मम घटना थी और सदस्यों को संयमित रहते हुए अपनी बात रखनी चाहिए।ज्यादातर सदस्यों ने ऐसे मामलों में शीघ्र सुनवाई कर दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की।

हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे जला कर मार डालने की घटना की सोमवार को राज्यसभा में कड़े शब्दों में निंदा करते हुए ज्यादातर सदस्यों ने ऐसे मामलों में शीघ्र सुनवाई कर दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों द्वारा उच्च अदालतों में अपील करने और दया याचिका दायर करने की अनुमति देने के चलन की समीक्षा करने की जरूरत पर बल दिया है। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने हैदराबाद में एक युवा महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए कार्यस्थगन नोटिसों को उन्होंने अस्वीकार कर दिया है लेकिन यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है और इस पर वह सदस्यों को अपनी बात संक्षेप में कहने की अनुमति देंगे।

सभापति ने यह भी कहा कि यह अत्यंत निर्मम घटना थी और सदस्यों को संयमित रहते हुए अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की घटना पूरे मानवता के लिए शर्म की बात है और ऐसी घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं। नायडू ने सदस्यों से अपनी बात रखने को कहा।

ज्यादातर सदस्यों ने ऐसे मामलों में शीघ्र सुनवाई कर दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की। सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति नायडू ने कहा कि महिलाओं के सम्मान एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं। ‘‘इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए।’’

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें ही एकमात्र समाधान हैं लेकिन अपील दर अपील का सिलसिला भी चलता रहता है। ‘‘क्या ऐसे व्यक्ति को माफी दिए जाने के बारे में सोचा जा सकता है ? हमें कानूनी तंत्र में, हमारी न्यायिक प्रणाली में बदलाव के बारे में सोचना होगा।’’

महिलाओं के खिलाफ अपराधों को ‘‘निंदनीय’’ बताते हुए नायडू ने कहा कि हमें कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। नायडू ने कहा ‘‘बहुत देर हो चुकी है। हमें नए विधेयक की जरूरत नहीं है। हमें जरूरत है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की, प्रशासनिक इच्छाशक्ति की और सोच बदलने की। इसके बाद ही हम इस सामाजिक बुराई को खत्म कर सकते हैं।’’

सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे। गौरतलब है कि हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में बतौर सहायक पशु चिकित्सक काम करने वाली 25 वर्षीय महिला का अधजला शव शहर के शादनगर इलाके में 28 नवंबर को एक पुल के नीचे मिला था। इससे एक दिन पहले वह लापता हो गई थी। इस मामले में 20 से 24 साल की उम्र के चार लोगों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को इन सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

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