पटनाः बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष के साथ साथ अब सरकार में शामिल दल भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं। इसी कडी में केन्द्रीय मंत्री एवं लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान ने नीतीश सरकार से पूछा है कि बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे? बिहार में हो रही हत्याओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि समझ से परे है कि बिहार पुलिस की जिम्मेदारी क्या है? जिस तरह से चिराग ने बिहार पुलिस की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं, उसके बाद नीतीश सरकार को अब जवाब देना मुश्किल हो गया है।
चिराग से इस पोस्ट के बाद सियासी गलियारे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर चिराग पासवान क्या करने वाले हैं और क्या एनडीए में सबकुछ ठीक है। चिराग पासवान से पहले उनकी पार्टी के खगड़िया से सांसद राजेश वर्मा ने बिहार में लगातार कारोबारियों की हो रही हत्या पर सवाल उठाए थे। राजेश वर्मा ने नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताया था।
जिसके बाद जदयू के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा था कि चिराग पासवान को गठबंधन में साथ रहना है या नहीं वह खुलकर बताएं। इससे पहले चिराग पासवान के बहनोई अरूण भारती ने भी बिहार में आपराधिक घटनाओं की गिनती गिनाई थी और कहा था कि राष्ट्र के लिए आप धृतराष्ट्र नहीं बन सकते हैं।
बता दें कि राजधानी पटना में 11 जुलाई की रात उस वक्त सनसनी फैल गई जब रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर इलाके में तृष्णा मार्ट के मालिक विक्रम झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना रात लगभग 11 बजे की है, जब अज्ञात हमलावरों ने विक्रम झा पर ताबड़तोड़ फायरिंग की।
विक्रम झा मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले थे, लेकिन पटना में तृष्णा मार्ट नाम से एक लोकप्रिय किराना स्टोर चला रहे थे। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में हत्या के पीछे निम्नलिखित कारणों पर शक जताया जा रहा है, जिसमें पुरानी रंजिश,कारोबार में लेन-देन विवाद गैंगवार या आपराधिक गिरोह की संलिप्तता हो सकती है। वैसे यह कोई पहली घटना नहीं है जब पटना में किसी व्यापारी की हत्या हुई हो।
पिछले कुछ महीनों में कई हाई-प्रोफाइल घटनाएं हुईं, जैसे गोपाल खेमका की हत्या, रमाकांत यादव पर हमला। इससे स्पष्ट होता है कि पटना में कारोबारी समुदाय अपराधियों के निशाने पर है। पटना में एक के बाद एक कारोबारियों की हो रही हत्या की घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर है ही, अब सरकार के सहयोगी दल भी बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार से सवाल पूछ रहे हैं।