कर्नाटक चुनाव: हिमंत बिस्वा सरमा ने की कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना, कहा- कांग्रेस एक मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बन गई है
By मनाली रस्तोगी | Published: May 2, 2023 01:03 PM2023-05-02T13:03:06+5:302023-05-02T13:04:40+5:30
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कांग्रेस के कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
बेंगलुरु: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कांग्रेस के कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे।"
उन्होंने कहा, "पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे। कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे। कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।"
#WATCH | PFI is already banned. Siddaramaiah govt withdrew cases of PFI. So they are saying that to appease Muslims they will ban Bajrang Dal. Congress is saying that PFI can't say that we will take revenge. Congress' manifesto looks like the manifesto of PFI and fundamentalist… pic.twitter.com/8rNrBszwxn
— ANI (@ANI) May 2, 2023
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा, "कांग्रेस द्वारा आज जारी किया गया घोषणापत्र दर्शाता है कि यह पूर्ण रूप से मुस्लिम कट्टरपंथियों का घोषणापत्र है। अगर जिन्ना जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र नहीं बनाते। कांग्रेस एक मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बन गई है। हमारे गृहमंत्री ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था और अब कांग्रेस कह रही है कि वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे।"
#WATCH | The manifesto launched by Congress today shows that it is a complete Muslim fundamentalist manifesto. Even if Jinnah was alive, he would not make such a manifesto. Congress has become a Muslim fundamentalist party. Our HM had banned PFI and now Congress is saying that… pic.twitter.com/GUmJb6RgYB
— ANI (@ANI) May 2, 2023
पिछले साल सितंबर में केंद्र ने पीएफआई को पांच साल के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया था। पीएफआई संग जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।