Hijab Row: हिजाब विवाद के बीच मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत

By रुस्तम राणा | Published: February 12, 2022 06:17 PM2022-02-12T18:17:53+5:302022-02-12T18:21:26+5:30

मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने लिखा, मेरा मानना है कि संघर्ष को रोकने के लिए समान नागरिक संहिता और समान ड्रेस कोड आवश्यक हैं। धर्म का अधिकार शिक्षा के अधिकार से ऊपर नहीं है।"

Hijab Row Taslima Nasreen says burqa like chastity belt of dark ages, uniform civil code a must | Hijab Row: हिजाब विवाद के बीच मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत

Hijab Row: हिजाब विवाद के बीच मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने की यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत

Highlightsलेखिका तसलीमा नसरीन ने हिजाब को बताया पॉलिटिकलकहा, धर्म का अधिकार शिक्षा के अधिकार से ऊपर नहीं है

Karnataka Hijab Controversy: हिजाब कंट्रोवर्सी का मामला अब केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह मामला देश और दुनियाभर में फैल चुका है। हिजाब विवाद के बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने बुर्के की तुलना अंधेरे युग की शुद्धता की पट्टी से की है। महिलाओं के मुद्दों पर अपनी राय साझा करने के लिए जानी जाने वाली लेखिका ने कहा कि बुर्का और हिजाब कभी भी महिलाओं की पसंद नहीं हो सकते। इस दौरान उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को जरूरी बताया। 

नसरीन की टिप्पणी कर्नाटक के उच्च शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब के अधिकार की मांग को लेकर भड़के विवाद के बीच आई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "पॉलिटिकल इस्लाम की तरह, बुर्का/हिजाब भी आज पॉलिटिकल है। ”

नसरीन ने लिखा, “मुस्लिम महिलाओं को बुर्का एक अंधेरे युग की शुद्धता की पट्टी की तरह देखना चाहिए। मेरा मानना है कि संघर्ष को रोकने के लिए समान नागरिक संहिता और समान ड्रेस कोड आवश्यक हैं। धर्म का अधिकार शिक्षा के अधिकार से ऊपर नहीं है।"

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए पंजीकृत शैक्षणिक संस्थानों में स्टाफ सदस्यों और छात्रों के लिए एक समान ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

मालूम हो कि इस मामले में एक दिन पहले, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगी और मामलों की "उचित समय" पर सुनवाई करेगी।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार तक स्कूलों में धार्मिक कपड़ों पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपनी अर्जी में याचिकाकर्ता ने देश की शीर्ष अदालत से मामले में तुरंत सुनवाई की मांग की, लेकिन कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है।

Web Title: Hijab Row Taslima Nasreen says burqa like chastity belt of dark ages, uniform civil code a must

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